इमरान खान ने डोनाल्ड ट्रंप को दिखाए तीखे तेवर, कहा- पाकिस्तान को बलि का बकरा बनाने के बजाय अपना मूल्यांकन करें
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Photo Getty Images)

इस्लामाबाद: एक तरफ पाकिस्तान जहां वित्तीय संकट से जूझ रहा है इसी बीच पाक प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को तीखे तेवर भी दिखा रहें हैं. इमरान खान ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को कड़ा जवाब देते हुए कहा कि अफगानिस्तान में अपनी विफलताओं के लिए पाकिस्तान को ‘बलि का बकरा’ बनाने के बजाय अमेरिका को यह पता लगाना चाहिए कि तालिबान पहले से भी अधिक मजबूत होकर क्यों उभरा है? पाक प्रधानमंत्री इमरान खान का यह तीखा बयान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के उस बयान का जवाब है जिसमें उन्होंने कहा था आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान ने अमेरिका के लिए कुछ नहीं किया है.

बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि पाकिस्तानी सरकार ने अलकायदा नेता ओसामा बिन लादेन को अपने छावनी शहर के समीप छिपने में मदद की. इस पर इमरान खान ने ट्रंप पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि पाकिस्‍तान की निंदा के खिलाफ ट्रंप के सामने रिकॉर्ड रखे जाने चाहिए.

अमेरिकी राष्ट्रपति को जवाब देने के लिए इमरान खान ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए. उन्होंने लिखा 'ट्रंप द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ लगाए गए आरोपों का जवाब दिया जाना जरूरी है: 1- 9/11 में कोई पाकिस्तानी शामिल नहीं था लेकिन पाकिस्तान ने आतंकवाद पर अमेरिकी युद्ध में भाग लेने का फैसला किया. 2- इस युद्ध में पाकिस्तान के 75,000 लोगों की मौत हो गई और अर्थव्यवस्था में 123 अरब डॉलर से ज्यादा की क्षति हुई. अमेरिका ने मात्र 20 बिलियन डालर की सहायता की थी.' यह भी पढ़ें- कर्ज मांगने के लिए दो महीने में दूसरी बार UAE पहुंचे इमरान खान, इसके बाद जाएंगे मलेशिया

इमरान ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, '3- हमारे कबाइली इलाके बर्बाद हो गए और लाखों लोग बेघर हो गए. युद्ध ने आम पाकिस्‍तानियों की जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया. 4- फिर भी पाकिस्‍तान अपने जमीनी और हवाई मार्ग उपलब्‍ध कराता रहा है. क्‍या ट्रंप अपने किसी ऐसे सहयोगी का नाम बता सकते हैं जिसने ऐसी कुर्बानियां दी हों?'

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था 'पाकिस्तान में हर कोई जानता था कि लादेन वहां पर है और हम पाकिस्तान को एक वर्ष में 1.3 अरब डॉलर दे रहे थे. लादेन पाकिस्तान में रह रहा था, हम पाकिस्तान का समर्थन कर रहे थे. हम उन्हें एक वर्ष में 1.3 अरब डॉलर दे रहे थे.जो हम उन्हें अब नहीं दे रहे हैं. मैंने इसे समाप्त कर दिया क्योंकि वे हमारे लिए कुछ नहीं करते.’