इमरान खान का विवादित बयान, बिलावल भुट्टो को कहा-'बिलावल साहिबा', वीडियो वायरल
इमरान खान (Photo Credit-Facebook Imran Khan-official)

इस्‍लामाबाद. पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) एक बार फिर सोशल मीडिया पर घिर गए हैं. इस बार पाकिस्‍तान पीपुल्‍स पार्टी (पीपीपी) के अध्‍यक्ष बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) को 'साहिबा' कहने के कारण सोशल पर लोगों ने उन्‍हें खूब खरी-खोटी सुनाई है. इंटरनेट यूजर्स ने इसे 'लिंगभेदी' (sexist) टिप्‍पणी कहा है. इससे पहले सोमवार को ही इतिहास की गलतबयानी को लेकर सोशल मीडिया पर उनकी खूब किरकिरी हो रही है.

बता दें कि इमरान खान (Imran Khan) बुधवार को दक्षिणी वजीरिस्‍तान में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे, जब उन्‍होंने पाकिस्‍तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो (Benazir Bhutto) के बेटे को लेकर यह टिप्‍पणी की. इसका वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह कहते सुने जा रहे हैं कि वह कड़ी मेहनत कर इस मुकाम पर पहुंचे हैं, जबकि बिलावल जो कुछ भी हैं, अपनी मां के कारण हैं. यह भी पढ़े-PM मोदी की बखान करने के बाद अब बड़बोले इमरान खान ने कह दिया कुछ ऐसा, जमकर हो रही है पाकिस्तान में किरकिरी

इमरान खान (Imran Khan) ने बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) के बारे में पूछे सवाल पर कहा, 'मैं बिलावल साहिबा की तरह एक पर्ची पर अपना अधिकारक्षेत्र नहीं जताता हूं. मेरा उद्देश्य देश के भ्रष्ट लोगों को हराना और इस मुल्क को तरक्की के रास्ते पर ले जाना है. भ्रष्ट लोगों को बचाने के नाम पर सभी विपक्षी दल एकजुट हो गए हैं, लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं अकेले ही इन सबका मुकाबला करने में सक्षम हूं.'

इमरान खान (Imran Khan) के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari ) ने भी ट्वीट किया. बिलावल ने लिखा, 'क्या किया जा सकता है जब छोटी सोच का आदमी बड़े पद पर मौजूद हो?' इसके साथ बिलावल ने हैशटैग #PMSelect भी प्रयोग किया.

सोशल मीडिया पर कुछ लोग इस बयान के लिए इमरान खान (Imran Khan) की आलोचना कर रहे हैं तो कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इसे राजनीतिक व्यंग्य कहकर पाक पीएम का समर्थन कर रहे हैं.

गौरतलब है कि इससे पहले इमरान खान (Imran Khan) सोमवार को पड़ोसी मुल्‍क ईरान दौरे के दौरान इतिहास के गलत तथ्‍यों का जिक्र कर वह फंस गए थे. ईरान के राष्‍ट्रपति हसन रूहानी के साथ एक संयुक्‍त संवाददाता सम्‍मेलन के दौरान दो पड़ोसी मुल्‍कों के बीच अच्‍छे संबंधों के लिए व्‍यापारिक सहयोग बढ़ाने पर जोर देते हुए उन्‍होंने द्वितीय विश्‍वयुद्ध के बाद जर्मनी (Germany) और जापान (Japan) द्वारा सीमा क्षेत्रों में संयुक्‍त उद्योग लगाने की बात कही थी. दरअसल, उन्‍हें यहां जर्मनी और फ्रांस का जिक्र करना था, लेकिन वह जर्मनी के साथ जापान बोल गए.