कोरोना वायरस का कहर: पाकिस्तान में 2 करोड़ मास्क की तस्करी, एफआईए करेगी जांच
नियाभर के विभिन्न देशों में कोरोना वायरस लगातार पैर पसार रहा है। इस बीच पाकिस्तान में कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सबसे उपयोगी माने जा रहे फेस मास्क को लेकर ही बवाल मच गया है। पाकिस्तान में दो करोड़ फेस मास्क की तस्करी का मामला सामने आया है
इस्लामाबाद: दुनियाभर के विभिन्न देशों में कोरोना वायरस लगातार पैर पसार रहा है. इस बीच पाकिस्तान में कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सबसे उपयोगी माने जा रहे फेस मास्क को लेकर ही बवाल मच गया है. पाकिस्तान में दो करोड़ फेस मास्क की तस्करी का मामला सामने आया है .तस्करी के आरोपों में स्वास्थ्य मामलों पर प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक भी घिरे हैं। द नेशन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने शुक्रवार को देश के दो करोड़ फेस मास्क की तस्करी के आरोपों की जांच करने का फैसला किया है। इस तस्करी में स्वास्थ्य मामलों पर प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक डॉ. जफर मिर्जा और पाकिस्तान के ड्रग्स नियामक प्राधिकरण के एक अधिकारी भी कथित तौर पर शामिल हैं.
इस संबंध में पाकिस्तान यंग फार्मासिस्ट एसोसिएशन (पीवाईपीए) द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एफआईए ने एक नोटिस जारी किया है. एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री खान के विशेष सहयोगी डॉ. जफर मिर्जा और ड्रग्स नियामक प्राधिकरण के उप निदेशक गजनफर अली ने देश से दो करोड़ मास्क की तस्करी कराई है. यह भी पढ़े: पाकिस्तान की बदहाली: आर्थिक तंगी के चलते कराची के अधिकतर अस्पताल कोरोना वायरस से लड़ने में असमर्थ
इस बीच राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के प्रवक्ता साजिद हुसैन शाह ने एक बयान में कहा कि कुछ अनैतिक तत्वों ने उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के बाद इस तरह के आधारहीन आरोप लगाए हैं.उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने इन आधारहीन आरोपों को लगाने वाले तत्वों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि पीवाईपीए के प्रतिनिधि ड्रग एक्ट 1976 के तहत अदालतों में कई मामलों का सामना कर रहे हैं.
बयान में कहा गया है कि ड्रग्स नियामक प्राधिकरण कोरोना वायरस (कोविड-19) के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स (पीपीईएस) की कालाबाजारी के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है. उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में अभी तक कोरोना वायरस के कुल 29 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। हाल ही में कराची के अस्पतालों का एक सर्वे किया गया, जिसमें पता चला कि वहां केवल दो अस्पतालों को छोड़कर बाकी कोई भी संक्रमण से बचाव या इलाज के लिए सक्षम नहीं है. इसके अलावा विभिन्न अस्पतालों के अधिकारियों ने भी माना कि मास्क की भारी कमी है, जिससे संक्रमण के प्रसार को रोकने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैऐसे हालातों के बीच पाकिस्तान में दो करोड़ की बड़ी संख्या में मास्क की तस्करी के मामले ने सभी को अचंभित कर दिया है