ढाका: बांग्लादेश (Bangladesh) में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा (Communal Violence) को लेकर विदेश मंत्री डॉ एके अब्दुल मोमेन (Dr AK Abdul Momen) ने एक बयान जारी कर कहा कि जो बाते फैलई जा रही वह गलत है. हाल की हिंसा में कानून लागू करने वाले अधिकारियों के साथ मुठभेड़ के दौरान केवल 6 लोग मारे गए, जिनमें से 4 मुस्लिम थे और 2 हिंदू थे. उन्होंने बताया कि मारे गए दो हिंदूओं में से एक की सामान्य मौत थी और दूसरे की जान तालाब में कूदने की वजह से गई थी. पाकिस्तान-समर्थक तत्व बांग्लादेश में साम्प्रदायिक अशांति चाहते हैं: बांग्लादेशी मंत्री
बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ एके अब्दुल मोमेन ने कहा कि हिंसक घटनाओं के वक्त किसी भी महिला के साथ बलात्कार नहीं हुआ था और एक भी मंदिर नष्ट नहीं हुआ था. उन्होंने बताया कि कथित तौर पर एक नशा करने वाले व्यक्ति ने पवित्र कुरान की एक प्रति एक देवता के पैर के पास छोड़ दी. इस दौरान वहां भक्त और आयोजक मौजूद नहीं थे. एक अन्य व्यक्ति ने इसकी तस्वीर ली और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. जिससे आक्रोश फैल गया.
"Contrary to all ongoing propaganda, only 6 people died during recent violence of which 4 were Muslims, killed during encounters with law enforcing authorities & 2 were Hindus," reads a statement of Bangladesh Foreign Minister Dr AK Abdul Momen on recent violence incidents pic.twitter.com/pPqQlGZwt2
— ANI (@ANI) October 29, 2021
उल्लेखनीय है कि 15 अक्टूबर को, 42 वर्षीय जतन कुमार साहा की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी और अगले दिन 20 वर्षीय प्राणतो दास का शव चौमुहानी में इस्कॉन मंदिर के बगल में एक तालाब में मिला था. बांग्लादेश पुलिस ने दुर्गा पूजा के दौरान हिंदू परिवारों और मंदिरों पर हुए सांप्रदायिक हमले के आरोप में नोआखाली जिले से तीन युवकों को गिरफ्तार किया है.
वहीं, बांग्लादेश के पीरगंज के बोरो करीमपुर गांव में हिंदू घरों में आगजनी के मुख्य आरोपी और उसके सहयोगी ने हिंसा में अपनी भूमिका कबूल की है. गिरफ्तार किए गए 24 वर्षीय सैकत मंडल ने अपने बयान में रविवार को अदालत में कबूल किया कि वह हमले में शामिल था और उसने हिंसा भड़काने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. बांग्लादेश पुलिस ने एक निष्कासित स्थानीय बांग्लादेश छात्र लीग नेता मंडल और उनके सहयोगी और एक मस्जिद के इमाम मोहम्मद रोबिउल इस्लाम (36) को मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया गया.
पुलिस ने कहा कि रंगपुर के पीरगंज में हमला एक अफवाह के कारण हुआ कि एक हिंदू व्यक्ति ने फेसबुक पर धार्मिक रूप से आपत्तिजनक कंटेंट पोस्ट किया था. इस हमले से 70 परिवार प्रभावित हुए हैं. अधिकांश पीड़ित अभी भी सदमे में हैं और उनमे डर बना हुआ है कि अभी और हमले हो सकते हैं. वहीं, जबकि, पुलिस ने नोआखाली के बेगमगंज उपजिला के चौमुहानी बाजार इलाके में हुए हमलों में संलिप्तता के आरोप में 130 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है.
स्थानीय संघ परिषद के अध्यक्ष के अनुसार, हिंसा के दौरान 65 हिंदू घरों में आग लगा दी गई. अकेले माझीपारा में 25 परिवारों के कुल 32 घरों में आग लगा दी गई. लूटपाट के बाद 59 और घरों में तोड़फोड़ की गई. इस दौरान न केवल पीड़ितों के घर जला दिए गए, बल्कि घर के सामान, नकदी, जानवर सब लूटे गए.