North Korea Missile Test : उत्तर कोरिया ने नई एंटी एयरक्रॉफ्ट मिसाइल का परीक्षण किया

उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने एक नए प्रकार की एंटी एयरक्रॉफ्ट मिसाइल का परीक्षण किया है, जो अधिक सटीकता के साथ लंबी दूरी पर हवाई लक्ष्य को मार गिराने में सक्षम है.

मिसाइल (Photo Credits: IANS)

सियोल, 1 अक्टूबर: उत्तर कोरिया (North Korea) ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने एक नए प्रकार की एंटी एयरक्रॉफ्ट मिसाइल का परीक्षण किया है, जो अधिक सटीकता के साथ लंबी दूरी पर हवाई लक्ष्य को मार गिराने में सक्षम है. प्योंगयांग की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने कहा कि उत्तर रक्षा विज्ञान अकादमी ने 'लॉन्चर, रडार और व्यापक युद्ध कमांड वाहन के संचालन की व्यावहारिकता की पुष्टि करने के साथ-साथ मिसाइल के व्यापक युद्ध प्रदर्शन की पुष्टि' के उद्देश्य से परीक्षण किया.

योनहाप न्यूज एजेंसी ने केसीएनए के हवाले से कहा कि अकादमी ने नई मिसाइल के उल्लेखनीय प्रदर्शन को सत्यापित किया जिसमें मिसाइल नियंत्रण प्रणाली के साथ तेजी से प्रतिक्रिया और निर्देशित सटीकता शामिल है क्योंकि इसमें 'ट्विन-रडर कंट्रोल टेक्नोलॉजी' और 'डबल-इंपल्स फ्लाइट इंजन', जैसे नई प्रौद्योगिकियों को पेश किया गया है. इसमें कहा गया कि उत्तर कोरिया मिसाइल की प्रभावी सीमा को बढ़ाने में भी सफल रहा है. केसीएनए के अनुसार, सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी के पोलित ब्यूरो के प्रेसिडियम के सदस्य पाक जोंग-चोन ने लॉन्च का मार्गदर्शन किया, जबकि नेता किम जोंग-उन फायरिंग में शामिल नहीं हुए. यह भी पढ़े: उत्तर कोरिया ने हाल ही में विकसित हाइपरसोनिक मिसाइल का किया परीक्षण

दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय ने कहा कि वह उत्तर कोरिया के अगले कदम पर कड़ी नजर रखते हुए अंतर-कोरियाई वार्ता को फिर से शुरू करने के प्रयास जारी रखेगा. उत्तर कोरिया ने हाल ही में इस सप्ताह की शुरुआत में एक हाइपरसोनिक मिसाइल का प्रक्षेपण करके तनाव को बढ़ा दिया है, जो पूर्वी सागर में कम दूरी की दो बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण के दो सप्ताह बाद है. गुरुवार को सुप्रीम पीपुल्स असेंबली के दूसरे दिन के सत्र में अपने भाषण के दौरान, किम ने कहा कि दक्षिण कोरिया के साथ सीमा पार संचार लाइनों को अक्टूबर की शुरुआत में संबंधों को सुधारने के प्रयासों के तहत बहाल किया जाएगा. किम ने यह भी कहा कि दक्षिण कोरिया को उकसाने के लिए उत्तर कोरिया के पास 'न तो उद्देश्य है और न ही कारण' है. 2019 की शुरूआत में अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच नो-डील शिखर सम्मेलन के बाद से अंतर-कोरियाई संबंध गतिरोध में बने हुए हैं.

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