नई दिल्ली. प्राचीन काल से ही भारत और हिन्दू धर्म में गाय का एक महत्वपुर्ण स्थान है. हिन्दू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है. गाय के दूध से लेकर गोबर तक उपयोग किया जाता है. गाय के गोबर के उपयोग भोजन पकाने के लिए भी किया जाता है. लेकिन अगर आपको कोई कहे कि अब गोबर पहनने वाले कपड़े बनते हैं तो आपको भी हैरानी होगी. लेकिन यह सच है. यह दावा नीदरलैंड की एक कंपनी ने किया है. जिसने सेल्यूलोज़ अलग कर उससे फैशनेबल ड्रेस बनाने का तरीका खोज निकाला है.
यह बायोआर्ट एक्सपर्ट जलिला एसाइदी ये स्टार्टअप चलाती हैं. बता दें कि फैब्रिक जो की सेल्युलोज से निकलता है उससे बनाया जा रहा है, इसे ‘मेस्टिक’नाम भी दिया गया है. इससे शर्ट और टॉप बनाया जा रहा है. उनके इस इनोवेशन को दो लाख डॉलर का चिवाज वेंचर एंड एचएंडएम फाउंडेशन ग्लोबल अवॉर्ड दिया गया है. जो भारतीय मुद्रा के 1.40 करोड़ रूपये के बराबर है.
बायोआर्ट एक्सपर्ट जलिला एसाइदी कहती हैं कि गाय के गोबर को खराब माना जाता है. लेकिन वह इंसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. उनका मानना है कि गोबर की सुंदरता को दिखाना होगा. बता दें कि आज जलिला एसाइदी 15 किसानों के साथ प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं.