HAARP Technology: मोरक्को में भूकंप से अब तक करीब 3 हजार लोगों की मौत हो गई है. भूकंप का केंद्र एटलस पहाड़ों के अंदर था. अफ्रीकी देशों में ऐसी तबाही बीते कई दशकों में नहीं दिखी थी. तुर्की भूकंप के बाद अब मोरक्को भूकंप में भी हार्प तकनीक चर्चा में है. इसको लेकर कंस्पिरेसी थ्योरी भी जोरों पर है.
मोरक्को में भूकंप से ठीक पहले का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें आसमान में रहस्यमयी रोशनी नजर आई. लोगों ने शक जताया है कि ये कुदरती आपदा नहीं, बल्कि किसी हाईटेक लैब की करतूत है. लोगों की अंगुलियां अमेरिका के मिलिट्री प्रोग्राम HAARP की तरफ उठ रही हैं और ये पहली बार नहीं है जब हार्प सवालों के घेरे में इससे पहले भी इसपर गंभीर आरोप लगते रहे हैं. Libya Death Toll 20K: लीबिया में बाढ़ से अब तक 20000 लोगों की मौत, तबाह शहर का ड्रोन फुटेज आया सामने
हार्प क्या है? (HAARP Technology)
हार्प अलास्का में एक वेधशाला में स्थित अमेरिकी परियोजना है, जो रेडियो ट्रांसमीटर की मदद से ऊपरी वातावरण यानि आयनमंडल का अध्ययन करती है. साल 2022 में इसने मौसम पर कई बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए, हालांकि वेधशाला ने ये कभी नहीं कहा कि इसमें भूकंप लाने की ताकत है. पहले भी कई देशों में आए भूकंप, सुनामी और भूस्खलन के लिए इस रिसर्च संस्था पर आरोप लगाए गए हैं.
Mysterious lights were spotted in the sky before Morocco's devastating earthquake hit last week - and scientists don't know what caused them https://t.co/UoyZ2KIO7P pic.twitter.com/X8toNWEhM0
— Daily Mail U.K. (@DailyMailUK) September 13, 2023
तुर्की भूकंप के पहले भी देखी गई थी तेज रोशनी
फरवरी में तुर्की और सीरिया विनाशकारी भूकंप आया, जिसकी वजह से 23 हजार लोगों की मौत हो गई. इसी दौरान भी एक वीडियो वायरल हुई, जिसमें भूकंप से ठीक पहले प्रभावित इलाकों के आसमान में नीली-पीली रोशनी नजर आई थी. भूकंप के दौरान बिजली भी गिरते हुए देखा गया था. भूकंप में बिजली का गिरना कोई सामान्य घटना नहीं. लोगों ने इसे आर्टिफिशियल भूकंप करार दिया और इसके लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया.
बतया जा रहा है कि कई देश मौसम को कंट्रोल करके दूसरे देशों पर हमला करने की कोशिश करेंगे. ये हमला कुदरती लगेगा. जैसे बारिश को काबू करने से अपने दुश्मन देश में सूखा या बाढ़ लाया जा सकता है. भूकंप या सुनामी भी लाई सकती है.
माना जाता है कि अमेरिका ने वियतनाम युद्ध के समय क्लाउड सीडिंग को हथियार बनाकर ज्यादा बारिश कराई थी, जिससे जमीन दलदली हो चुकी थी. हालांकि इसका कोई प्रमाण नहीं मिल सका. साल 2010 में हैती में आए भूकंप को लेकर भी अमेरिका और रूस पर ऐसे ही गंभीर आरोप लगाए गए थे.