ट्रंप के सामने भी नहीं झुके मोदी, माफी नहीं मजबूती से दिया जवाब; इजरायली अखबार ने कहा- नेतन्याहू भी सीखें
PM Modi and Donald Trump | PTI

नई दिल्ली: पीएम मोदी ट्रंप के दबाव में भी जिस तरह अडिग रहे उसकी तारीफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है. इजरायली अखबार यरुशलम पोस्ट (Jerusalem Post) में प्रकाशित एक आर्टिकल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के उस रवैये की तारीफ की है, जिसमें उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की आलोचनाओं के बावजूद माफी मांगने के बजाय दृढ़ रुख अपनाया था. इस आर्टिकल को रक्षा नीति विशेषज्ञ जकी शालोम (Zaki Shalom) ने लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा कि इजरायल को भारत और पीएम मोदी से सीखना चाहिए कि राष्ट्रीय सम्मान की रक्षा कैसे की जाती है.

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इस आर्टिकल में जिक्र है कि डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका ने भारत पर कई तरह के दबाव बनाए. इसमें 50% तक का टैरिफ लगाना और रूस से तेल खरीदने पर अतिरिक्त शुल्क लगाना शामिल था. इसके अलावा, ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सुलह करवाने की कोशिश करते हुए दबाव भी बनाया.

हालांकि, पाकिस्तान ने ट्रंप की भूमिका की सराहना की, वहीं भारत ने उनके हस्तक्षेप को हल्के में लिया और किसी भी तरह की माफी या झुकाव नहीं दिखाया.

PM मोदी का सख्त रुख

जकी शालोम ने लिखा कि पीएम मोदी का यह सख्त रुख केवल आर्थिक या सैन्य कारणों से नहीं था, बल्कि इसमें राष्ट्रीय और व्यक्तिगत सम्मान की भी अहम भूमिका थी. रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी ने ट्रंप के चार फोन कॉल तक रिसीव करने से इनकार कर दिया था. यह स्पष्ट संदेश था कि भारत खुद को किसी भी हाल में "कमतर देश" मानने को तैयार नहीं है.

इजरायल के लिए सीख

लेख में इजरायल की एक हालिया घटना का जिक्र किया गया है, जब खान यूनिस में अस्पताल पर गोलाबारी के बाद इजरायली सेना और नेताओं ने तुरंत माफी मांगी. शालोम का कहना है कि इस रवैये से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर “घबराहट और कमजोरी” का संदेश गया. इसके उलट, भारत ने दुनिया को यह दिखाया कि कठिन परिस्थितियों में भी माफी मांगने की बजाय मजबूत और संतुलित जवाब देना राष्ट्रीय हित के लिए बेहतर है.

जकी शालोम का मानना है कि भारत का उदाहरण यह साबित करता है कि किसी भी देश के लिए राष्ट्रीय सम्मान सर्वोपरि होना चाहिए. भले ही हालात जटिल और चुनौतीपूर्ण क्यों न हों, परंतु किसी भी राष्ट्र को झुकने के बजाय दृढ़ और संतुलित प्रतिक्रिया देनी चाहिए.