भारत से पढ़े-लिखे और कंप्यूटर एक्सपर्ट युवाओं को नौकरी देने के बहाने कंबोडिया बुलाया जा रहा है और वहां उन्हें साइबर स्लेवरी का शिकार बनाया जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के साइबर विंग I4C ने तमाम पहलुओं की गहराई से जांच की तो बड़े और चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंजीर जायसवाल ने कंबोडिया में फंसे भारतीयों के बारे में मीडिया की सवालों का जवाब देते हुए कहा- हमने कंबोडिया में फंसे भारतीय नागरिकों पर मीडिया रिपोर्ट्स देखी हैं.
रंजीर जायसवाल ने कहा- "कंबोडिया में स्थित हमारे दूतावास ने उन भारतीयों की शिकायतों का तुरंत जवाब दिया है जिन्हें रोजगार के अवसरों का झांसा देकर कंबोडिया लाया गया था, लेकिन बाद में उन्हें अवैध साइबर अपराध करने के लिए मजबूर किया गया. कंबोडियाई अधिकारियों के साथ मिलकर दूतावास ने लगभग 250 भारतीयों को बचाया है और उन्हें वापस लाया है, जिनमें से 75 को सिर्फ पिछले तीन महीनों में ही वापस लाया गया है."
Our response to media queries regarding Indians stuck in Cambodia:https://t.co/xT8Mr78KcF pic.twitter.com/Jede90nfCO
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) March 30, 2024
उन्होंने कहा- "विदेश मंत्रालय और कंबोडिया में भारतीय दूतावास द्वारा हमारे नागरिकों को इस तरह के घोटालों के बारे में कई बार चेतावनी भी जारी की जा चुकी है. हम कंबोडिया में मौजूद उन सभी भारतीयों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हमारी सहायता चाहते हैं. हम कंबोडियाई अधिकारियों और भारत की एजेंसियों के साथ मिलकर इन फर्जी योजनाओं को चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी काम कर रहे हैं."