# MeToo: अब पाकिस्तान में भी मी टू मुहिम ने पकड़ा जोर, जुनैद अकरम और फैजल एधि पर लगा यौन उत्पीड़न का आरोप

बॉलीवुड एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता और नाना पाटेकर का 10 साल पुराना विवाद इन दिनों मीडिया में सुर्खियां बटोर रहा है. इस विवाद के बाद सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे # MeToo मुहिम के जरिए आए दिन किसी न किसी सेलिब्रिटी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लग रहा है. भारत के बाद अब पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी इस मुहिम ने जोर पकड़ लिया है. अब पाकिस्तान में #MeToo  मुहिम का हिस्सा बनते हुए कई बहादुर महिलाएं अपने साथ हुए सेक्सुअल हैरेसमेंट के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं.

इसी कड़ी में पाकिस्तान की टीवी होस्ट राबिया अनम ओबैद ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि 'कुछ युवतियां कॉमेडियन और सोशल मीडिया के जाने माने शख्स के खिलाफ उत्पीड़न के आरोप में शिकायत करने के लिए उनसे संपर्क कर रही हैं.'

एक महिला ने नाम न बताने की शर्त पर यह बताया कि जब वो 16  साल की थी तो उसने जुनैद अकरम को सोशल मीडिया पर फॉलो किया और उसके पोस्ट पर कभी कभार कमेंट किया करती थी. एक दिन जुनैद ने उससे व्हाट्स ऐप नंबर मांगा, उसने दे दिया. फिर दोनों की बात होने लगी और एक दिन जुनैद अकरम ने उससे कहा कि वो उसे अभी देखना चाहता है. महिला की मानें तो जुनैद ने उससे कहा कि अगर तुम समझ रही हो कि मैैं क्या कहना चाहता हूं, तो मैं तुम्हें अभी देखना चाहता हूं. जिसके बाद महिला ने उसे ब्लॉक कर दिया.

इसके अलावा मी टू अभियान के जरिए पाकिस्तान के समाज सेवी अब्दुल सत्तार एधि के बेटे फैजल एधि पर भी यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है. एक प्रकाशन में काम कर चुकी पूर्व महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि जब उसकी उम्र 22-23 साल थी, वो पॉलीटिकल पार्टी के लिए फंड जुटाने के सिलसिले में फैजल से मिली थी तब उसके साथ यह घटना हुई थी.

जुनैद अकरम और फैजल एधि ने किया आरोपों का खंडन 

मी टू मुहिम के जरिए अपने ऊपर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों का जुनैद अकरम और फैजल एधि ने खंडन किया है. एक ओर जहां अकरम ने दलील दी है कि वो एक सामाजिक कार्यकर्ता है और हर किसी के साथ विनम्रता और सम्मान से बात करता है. ऐसे में इस तरह का आरोप लगाकर उसकी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है. यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में मिली सच बोलने की सजा: जज ने ISI की पोल खोली तो कर दी गई छुट्टी

वहीं दूसरी तरफ फैजल एधि का कहना है कि उसे और  एधि फाउंंडेशन को बदनाम करने के लिए यौन उत्पीड़न का यह झूठा आरोप लगाया जा रहा है, जबकि वो ऐसी किसी महिला को जानता तक नहीं है.