मार्क जुकरबर्ग, जो मेटा (पूर्व में फेसबुक) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं, ने डोनाल्ड ट्रंप के उद्घाटन फंड को 1 मिलियन डॉलर का दान दिया है. यह दान मेटा की ओर से ट्रंप के उद्घाटन समिति को दिया गया, और यह कदम जुकरबर्ग के ट्रंप के साथ एक सकारात्मक संबंध बनाने की ओर एक और कदम है.
क्यों दिया जुकरबर्ग ने दान?
हालांकि मेटा ने इस दान के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं की है, लेकिन यह कदम ट्रंप के साथ जुकरबर्ग की हाल ही में हुई मुलाकात के बाद आया है. पिछले महीने जुकरबर्ग और ट्रंप की मार-ए-लागो में मुलाकात हुई थी, जहां दोनों ने एक-दूसरे को बधाई दी और ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर उन्हें शुभकामनाएं दीं.
इस मुलाकात के दौरान जुकरबर्ग ने ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर उन्हें बधाई दी, और मेटा के प्रवक्ता ने कहा कि जुकरबर्ग इस बैठक में शामिल होने के लिए आभारी थे. इसके अलावा, जुकरबर्ग ने ट्रंप के विदेश मंत्री पद के उम्मीदवार, मार्को रुबियो के साथ भी भोजन किया था.
उद्घाटन समितियों को दान देना एक आम प्रथा है, खासकर व्यापारिक संस्थाओं और व्यक्तियों के लिए जो आने वाली सरकार के साथ अच्छे रिश्ते बनाने की कोशिश करते हैं. ट्रंप के उद्घाटन समिति द्वारा $1 मिलियन दान देने वाले दाताओं को विशेष लाभ प्रदान किए जा रहे हैं. इस कदम से जुकरबर्ग ने अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश की है और अपने व्यापारिक हितों को भी आगे बढ़ाने का इरादा जताया है.
जुकरबर्ग और ट्रंप के बीच रिश्ते
मेटा और ट्रंप के बीच पहले तनावपूर्ण रिश्ते रहे थे. ट्रंप ने मेटा पर आरोप लगाया था कि वह उनके और अन्य कंजरवेटिव आवाजों को दबा रही है. 6 जनवरी को कैपिटल पर हमले के बाद मेटा ने ट्रंप के अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया था, हालांकि बाद में इन अकाउंट्स को बहाल कर दिया गया.
इसके अलावा, ट्रंप ने एक बार जुकरबर्ग पर आरोप लगाया था कि वह 2020 चुनाव में उनके खिलाफ साजिश कर रहे थे और उन्हें जेल भेजने की धमकी दी थी. लेकिन गर्मियों में जुकरबर्ग और ट्रंप के बीच कम से कम दो निजी फोन कॉल हुए, जिसमें जुकरबर्ग ने ट्रंप को उनके खिलाफ हुई हत्या के प्रयास के बाद शुभकामनाएं दीं और कहा कि वह उनके लिए प्रार्थना कर रहे हैं.
तकनीकी उद्योग और ट्रंप के साथ रिश्ते
मार्क जुकरबर्ग अकेले नहीं हैं जो ट्रंप के साथ सीधे रिश्ते बनाने की कोशिश कर रहे हैं. एप्पल के टिम कुक और गूगल के सुंदर पिचाई जैसे तकनीकी कंपनियों के प्रमुख भी ट्रंप के साथ रिश्ते बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इन नेताओं ने चुनाव से पहले ही ट्रंप से संपर्क करना शुरू कर दिया था, ताकि अपने व्यापारिक हितों को सुरक्षित किया जा सके.
मार्क जुकरबर्ग का ट्रंप के उद्घाटन फंड को 1 मिलियन डॉलर का दान देने का कदम केवल एक व्यापारिक रणनीति के रूप में देखा जा सकता है, जो आने वाली सरकार के साथ सकारात्मक संबंध बनाने की कोशिश है. यह कदम ट्रंप और जुकरबर्ग के बीच पहले से मौजूद तनावपूर्ण रिश्तों को नई दिशा देने की कोशिश हो सकती है.