मालदीव, अपने सफेद रेत के समुद्र तटों, फ़िरोज़ी पानी और लग्जरी रिसॉर्ट्स के लिए दुनियाभर में मशहूर है. लेकिन, हाल ही में पड़ोसी देश भारत के साथ छिड़े तनाव और दुश्मनी का खामियाजा इस खूबसूरत द्वीप देश को भुगतना पड़ रहा है. हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट के चलते मालदीव में पर्यटन के क्षेत्र में बड़ा झटका लगा है. पहले स्थान से खिसककर भारत अब पांचवें स्थान पर पहुंच गया है.
कुछ महीने पहले तक, भारत मालदीव में पर्यटकों का सबसे बड़ा स्रोत था. 2023 में दो लाख से अधिक भारतीयों ने मालदीव का सफर किया था. लेकिन, दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव के चलते भारतीय पर्यटकों ने मालदीव की यात्रा रद्द करनी शुरू कर दी. सोशल मीडिया पर #बॉयकॉटमालदीव्स अभियान चलाया गया, जिसका भी पर्यटन उद्योग पर सीधा प्रभाव पड़ा.
मुख्य बिंदु:
- भारत से पर्यटकों की संख्या में कमी के चलते मालदीव में पर्यटन पर बड़ा असर.
- भारत पर्यटक संख्या में पहले स्थान से खिसककर पांचवें स्थान पर पहुंचा.
- राजनीतिक तनाव का असर पर्यटन उद्योग पर पड़ा.
- मालदीव सरकार वैकल्पिक पर्यटक बाजार खोजने में जुटी.
हालांकि, मालदीव सरकार इस गिरावट को भरने के लिए दूसरे देशों जैसे रूस, चीन और इटली से पर्यटकों को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है. लेकिन, भारतीय पर्यटकों की कमी एक बड़ा आर्थिक झटका है, क्योंकि पर्यटन मालदीव की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है.
इस घटना से यह सबक मिलता है कि राजनीतिक तनाव का असर न सिर्फ दोनों देशों के संबंधों पर पड़ता है, बल्कि पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों पर भी इसका सीधा प्रभाव पड़ता है. दोनों देशों के बीच जल्द से जल्द तनाव कम होना और रिश्तों को सुधारना जरूरी है, ताकि मालदीव का खूबसूरत पर्यटन फिर से खिल सके.