गाजा जा रही ग्रेटा थुनबर्ग की नाव को इस्राएल ने रोका
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

गाजा के लिए राहत सामग्री लेकर जा रही नाव को इस्राएल ने सोमवार सुबह रोक दिया है. ग्रेटा थुनबर्ग और दूसरे सामाजिक कार्यकर्ताओं को फलीस्तीनी इलाके तक नहीं पहुंचने दिया गया.मडलीन नाम का यह बोट इटली से 1 जून को चला था. इसका मकसद गाजा में भोजन की कमी की ओर दुनिया का ध्यान दिलाना था. सोमवार तड़के सुबह मडलीन बोट से समाचार एजेंसी एएफपी का संपर्क टूट गया. स्थानीय समय के मुताबिक सुबह करीब 3:02 इस्राएली सेना ने बोट को "बीच रास्ते में जबरन रोक" लिया. फ्रीड फॉर फ्लोटिला कोएलिशन ने एक बयान में यह जानकारी दी.

कोएलिशन ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें थुनबर्ग को यह कहते देखा जा सकता है, "अगर आप इस वीडियो को देख रहे हैं तो हमें अंतरराष्ट्रीय जल में रोक कर हमारा अपहरण कर लिया गया है." फलीस्तीनी गुट हमास ने नाव रोके जाने की निंदा की है. एक बयान में हमास ने कहा है कि बोट को इस्राएली पोर्ट अशदोद ले जाया गया है.

इस्राएल ने कहा बोट सवार सुरक्षित

इस्राएली सरकार ने पहले ही कहा था कि वह इस "अनाधिकृत" बोट को गाजा में चल रहे नौसैनिक घेराबंदी तोड़ने से रोकगी. सरकार ने बोट को लौटने का भी आग्रह किया था. रविवार को इस्राएली रक्षा मंत्री इस्राएल कात्ज ने कहा था कि घेराबंदी इस्राएल-हमास की लड़ाई शुरू होने के कई वर्ष पहले से है, यह फलीस्तीनी चमरपंथियों को हथियार का आयात रोकने के लिए लगाया गया.

इस्राएल के विदेश मंत्रालय ने एक तस्वीर जारी की है जिसमें सभी कार्यकर्ताओं को नारंगी रंग की लाइफ जैकेट पहने हुए देखा जा सकता है. उन्हें सैंडविच और पानी दिया जा रहा है. मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर लिखा है. "'सेल्फी याट' पर सभी यात्री सुरक्षित हैं और उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा है." इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि वे उम्मीद कर रहे हैं कि सभी कार्यकर्ता अपने देश वापस लौटेंगे. इसमें यह भी कहा गया है, "सहायता की जो छोटी मात्रा है जो याट पर थी और मशहूर हस्तियों ने जिसका इस्तेमाल नहीं किया है उसे वास्तविक मानवीय सहायता के चैनलों के जरिए गाजा भेज दिया जाएगा."

गाजा में भोजन की भारी कमी

संयुक्त राष्ट्र ने गाजा को "पृथ्वी की सबसे भूखी जगह" कहा है. 21 महीने से चली आ रही जंग के बाद संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक यहां की पूरी आबादी के लिए भुखमरी का खतरा है. इस्राएल पर गाजा में ज्यादा सहायता पहुंचाने की अनुमति देने के लिए दबाव बनाने की कोशिश चल रही है. गाजा में खाना और बुनियादी जरूरतों की आपूर्ति की भारी जरूरत है. दो महीने से ज्यादा समय तक मानवीय सहायता लगभग बंद रखने के बाद हाल ही में अमेरिका समर्थित गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (जीएचएफ) के जरिए वहां सहायता पहुंचाने की कोशिश हुई है. हालांकि गाजा की सिविल डिफेंस एजेंसी के मुताबिक पिछले हफ्ते जीएचएफ के डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर के आसपास बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है. रविवार को भी सेंटर के पास कम से कम 10 लोगों की मौत हुई. इनमें पांच आम लोग हैं जो सेंटर के पास गोलीबारी में मारे गए.

सिविल डिफेंस के प्रवक्ता महमूद बासल और चश्मदीदों ने कहा कि आमलोग राफाह के पश्चिम में जीएचएफ डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर की ओर जा रहे थे. वहां एक चश्मदीद अब्दल्लाह नूल अल दीन ने एएफपी को बताया कि लोग तड़के सुबह, "राफाह के अल आलाम इलाके में जमा हो रहे थे. लगभग डेढ़ घंटे बाद सैकड़ों लोग सेंटर की ओर बढ़े और तभी सेना ने फायरिंग शुरू कर दी."

इस्राएली सेना का कहना है कि उसने उन लोगों पर गोली चलाई है, "जो इस तरीके से आगे बढ़ रहे थे कि सैनिक खतरे में आ गए." उधर जीएचएफ ने रविवार को कहा, "हमारे तीनों ठिकानों" पर कहीं कोई घटना नहीं हुई. घटना के बाद राहतकर्मी लोगों के शव और घायलों को लेकर नासेर अस्पताल ले गए. वहां से आए वीडियो में मातम मनाते लोगों को देखा जा सकता है.

गाजा में चलने वाले कैंप में एक विस्थापित फलीस्तीनी महिला उम्म घासन ने एएफपी से कहा कि वह जीएचएफ से मदद नहीं ले सकी, "क्योंकि वहां बहुत ज्यादा लोग थे और बहुत गोलीबारी हुई. मैं वहां जाने से डर गई, लेकिन बहुत से लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर बच्चों और परिवार के लिए गए."

सिनवार का शव मिला

रविवार को ही इस्राएली सेना ने बताया कि उसने मोहम्मद सिनवार का शव ढूंढ कर उसकी पहचान कर ली है. सिनवार को गाजा का नेता माना जाता है. इस्राएली सेना के मुताबिक सिनवार का शव, "खान यूनिस के यूरोपीय अस्पताल की जमीन के नीचे एक सुरंग में मिला है. इस्राएली सेना का कहना है कि सिनवार को 13 मई को मारा गया था. मोहम्मद सिनवार, याह्या सिनवार के छोटे भाई हैं.

याह्या सिनवार ने इस्राएल पर 7 अक्टूबर, 2023 के हमले की साजिश रची थी. इस हमले में 1200 से ज्यादा इस्राएली लोगों की मौत हुई और 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया गया. इनमें ज्यादातर आम लोग थे. इसके बाद इस्राएल की जवाबी कार्रवाई में गाजा के 54,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.