Israel Gaza War: इजरायल-हमास युद्ध गाजा के बच्चों पर गहरे मनोवैज्ञानिक घाव छोड़ रहा
इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) गाजा में हमास के साथ युद्ध में लगी हुई है. इस युद्ध में महिलाओं और बच्चों समेत 20,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है, जिससे जिंदा बचे हुए लोगों, खासकर बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य दर्दनाक बना हुआ है. 7 अक्टूबर को हमास ने दक्षिण इज़रायल में घुसकर 1,200 लोगों की हत्या की.
तेल अवीव, 24 दिसंबर : इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) गाजा में हमास के साथ युद्ध में लगी हुई है. इस युद्ध में महिलाओं और बच्चों समेत 20,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है, जिससे जिंदा बचे हुए लोगों, खासकर बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य दर्दनाक बना हुआ है. 7 अक्टूबर को हमास ने दक्षिण इज़रायल में घुसकर 1,200 लोगों की हत्या की. इसके बाद इज़रायल सेना ने हवाई हमले शुरू कर दिए, जबकि आईडीएफ ने 27 अक्टूबर को गाजा पर हमला किया और फिलिस्तीनियों को मार डाला.
आईडीएफ ने गाजा के अंदर हत्याएं और बदले की कार्रवाई की, जिसमें नवजात शिशुओं सहित अधिकांश बच्चे हताहत हुए. लगातार आईडीएफ हवाई बमबारी से गाजा के लगभग सभी अस्पताल या तो क्षतिग्रस्त हो गए हैं या निष्क्रिय हो गए हैं. इससे एक भयावह स्थिति पैदा हो गई है जिससे हजारों फिलिस्तीनी बिना किसी चिकित्सा देखभाल के रह गए हैं. फ़िलिस्तीनियों द्वारा सामना किए जाने वाले मनोवैज्ञानिक आघात और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है, और गाजा में इस दर्दनाक अनुभव का सामना करने वाले बच्चों का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि कई बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य स्थिति बदतर बनी हुई है. यह भी पढ़ें : वर्ष 2023 में भारत-अमेरिका संबंध : तीन कदम आगे बढ़े, एक कदम पीछे हटे
मध्य गाजा में क्लिनिक चलाने वाले डॉ. माजिद अल कासमी ने आईएएनएस को फोन पर बताया कि बच्चों की स्थिति दयनीय है और वे (बच्चे) अपने जीवनकाल में इस आघात से उबर नहीं पाएंगे. उन्होंने कहा कि 8-12 आयु वर्ग के कई बच्चों को ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है, जिसमें वे बाल-बाल बच गए. इनमें से कई बच्चे ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को अपनी आंखों के सामने मरते हुए देखा है, जिससे मानसिक तनाव हो गया है जिसे वे अपनी यादों से मिटाने में असमर्थ हो सकते हैं.
डॉ. माजिद अल कासमी ने कहा, ''आयशा फातिमा (12) मध्य गाजा में एक खुशहाल जीवन जी रही थी, जब इज़रायली सेना ने उन्हें दक्षिण की ओर जाने के लिए कहा. जिस दिन वह दक्षिण में अपने चाचा के घर में शिफ्ट हुई, आईडीएफ ने दक्षिण में हमला कर उसके चाचा के घर को मलबे में बदल दिया और पूरे परिवार को मार डाला.'' उन्होंने कहा कि आयशा फातिमा के रिश्तेदारों की मौत ने उन्हें अवसाद में डाल दिया है. फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के अनुसार, फिलिस्तीन में युद्ध के कारण हजारों बच्चों को मनोवैज्ञानिक आघात का सामना करना पड़ रहा है.
फिलिस्तीनियों के उत्तर से मध्य और फिर दक्षिणी गाजा में विस्थापन के कारण फ़िलिस्तीनी बच्चों को दर्दनाक अनुभव हुआ है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि गाजा में स्थिति बेहद खराब है और सबसे ज्यादा मौतें बच्चों की हो रही हैं. युद्ध समाप्त करने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं होने से गाजा में स्थिति और भी खराब हो गई है. फ़िलिस्तीनियों के बीच एक आम भावना है कि बच्चों के आघात को समाप्त करने के लिए तत्काल अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप की जरूरत है.