ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के नेताओं के साथ ईरान की बैठक, ट्रंप ने दिया दो हफ्ते का समय
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

ईरान के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई के फैसले को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने दो हफ्ते के लिए टाल दिया है. उन्हें बातचीत से मसले का हल निकलने की पर्याप्त संभावना नजर आ रही है. व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने यह जानकारी दी.इस्राएल-ईरान तनाव: ईरान के विदेश मंत्री के साथ बात करेंगे ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के नेता

ईरान-इस्राएल से अपने नागरिकों को निकाल रहे दुनियाभर के देश

ईरान के खिलाफ कार्रवाई के फैसले को डॉनल्ड ट्रंप ने दो हफ्तों के लिए टाला

इस्राएल-ईरान तनाव: ईरान के विदेश मंत्री के साथ बात करेंगे ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के नेता

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची, ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर बात करने के लिए शुक्रवार को स्विट्जरलैंड के जेनेवा शहर पहुंचेंगे. यहां वे फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के विदेश मंत्रियों से बात करेंगे. इस्राएल और ईरान के बीच तनाव कम करने और ईरान के परमाणु कार्यक्रम के भविष्य को लेकर होने वाली यह बातचीत बहुत अहम है.

परमाणु बम बनाने से कितना दूर है ईरान

ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा है कि अगले दो हफ्ते एक कूटनीतिक हल तक पहुंचने की खिड़की हैं. दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान पर अमेरिका के सीधे हमले को लेकर अपने फैसले को दो हफ्तों के लिए टाल दिया है. व्हाइट हाउस की प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि उन्हें बातचीत के जरिए हल निकलने की काफी उम्मीद है.

इससे अलग शुक्रवार को ही संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की बैठक भी होनी है. इस्राएल-ईरान संघर्ष के मुद्दे पर यह दूसरी बैठक है. इसे ईरान की गुजारिश पर बुलाया गया है. इस बैठक के लिए रूस, चीन और पाकिस्तान ने ईरान को समर्थन दिया था. इस बात की जानकारी एक डिप्लोमैट ने समाचार एजेंसी एएफपी को दी है.

ईरान-इस्राएल से अपने नागरिकों को निकाल रहे दुनियाभर के देश

ईरान और इस्राएल के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच दुनियाभर के देश अपने नागरिकों को वहां से निकाल रहे हैं. समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, इसके लिए वे जमीनी, हवाई और समुद्री मार्ग का इस्तेमाल कर रहे हैं. दोनों तरफ से हो रहे हमलों के चलते मध्य-पूर्व में हवाई क्षेत्र बंद हो गया है और यात्री उड़ानें प्रभावित हुई हैं. इसके चलते लोगों को उस क्षेत्र में आने-जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

भारत ने उत्तरी ईरान से करीब 110 स्टूडेंट्स को निकाला है. वहीं, इस्राएल में रह रहे भारतीयों को भी ऑपरेशन सिंधू के तहत निकालने की बात कही है. न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, इस्राएल में करीब 30 हजार भारतीय रह रहे हैं. हालांकि, सरकार सिर्फ उन्हीं भारतीयों को वापस लाएगी, जो संघर्ष के बीच इस्राएल छोड़ना चाहते हैं. एएफपी के मुताबिक, ईरान में भी करीब 10 हजार भारतीय नागरिक रह रहे हैं.

चीन, अमेरिका, जर्मनी, ग्रीस, ऑस्ट्रेलिया, जापान, इंडोनेशिया और वियतमान समेत कई देश अपने सैकड़ों नागरिकों को दोनों ही देशों से निकाल चुके हैं या निकालने की तैयारी कर रहे हैं. एपी के मुताबिक, इस्राएल में करीब 38 हजार पर्यटक हैं और करीब 22 हजार ने इस्राएली पर्यटन मंत्रालय से उनकी वापसी में मदद करने की गुजारिश की है. वहीं, पाकिस्तान ने ईरान से लगी अपनी सीमाएं बंद कर दी है. अब वहां से सिर्फ पाकिस्तानी नागरिकों को वापस आने की अनुमति है.