UK में घिनौनी हरकत! भारतीय छात्र उद्कर्ष यादव ने लड़की के कमरे में घुसकर बिस्तर और टेडी बियर पर किया मास्टरबेट

Indian Student Masturbation in UK: ब्रिटेन में पढ़ाई करने गए एक 18 साल के भारतीय छात्र ने ऐसी घिनौनी हरकत की है, जिसके लिए उसे सज़ा सुनाई गई है. उद्कर्ष यादव (Udkarsh Yadav) नाम का यह छात्र ब्रिटेन की नॉर्थम्ब्रिया यूनिवर्सिटी में सिविल इंजीनियरिंग का स्टूडेंट है. उस पर आरोप है कि वह एक दूसरी छात्रा के कमरे में गैर-कानूनी तरीके से घुसा और उसके बिस्तर और खिलौनों पर वीर्यपात (मास्टरबेट- हस्तमैथुन - Masturbate) किया.

क्या है पूरा मामला?

घटना तब सामने आई जब क्रिसमस की छुट्टियों के बाद एक छात्रा अपने हॉस्टल के कमरे में लौटी. उसने देखा कि उसके बिस्तर के कवर और टेडी बियर पर एक "सफ़ेद पपड़ीदार पदार्थ" जमा हुआ है.

जांच में पता चला कि यूनिवर्सिटी की एक गलती की वजह से उत्कर्ष यादव का जिम की-कार्ड (Keycard) एक मास्टर-की की तरह काम कर रहा था, जिससे वह किसी भी छात्र के कमरे का ताला खोल सकता था. इसी का फायदा उठाकर वह लड़की के कमरे में दाखिल हुआ.

पुलिस के सामने कबूला गुनाह

पुलिस ने जब उत्कर्ष यादव को पकड़ा तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया. उसने बताया कि वह "इच्छा पर काबू नहीं रख पाया" और उसने लड़की के बिस्तर और खिलौनों पर वीर्यपात किया. मौके से मिले DNA सैंपल से भी उसकी संलिप्तता की पुष्टि हो गई.

इस घटना से पीड़ित छात्रा को गहरा सदमा लगा. वह इतनी डर गई कि उसने अपना कमरा छोड़ दिया और अपनी एक दोस्त के साथ रहने चली गई.

अदालत ने क्या सज़ा दी?

इस मामले की सुनवाई न्यूकैसल क्राउन कोर्ट में हुई. जज ने इस हरकत को "घिनौनी और स्वार्थी" बताया. अदालत ने उत्कर्ष यादव को 14 महीने जेल की सज़ा सुनाई है, जिसे दो साल के लिए निलंबित (suspend) कर दिया गया है.

  • सज़ा निलंबित होने का मतलब: इसका मतलब है कि उसे अभी जेल नहीं जाना होगा. लेकिन अगर अगले दो सालों में उसने कोई और अपराध किया, तो उसे यह 14 महीने की सज़ा काटनी होगी.

इसके अलावा, अदालत ने उसे ये सज़ाएं भी दी हैं:

  • 200 घंटे बिना वेतन के काम करना होगा.
  • सुधार कार्यक्रमों में हिस्सा लेना होगा.
  • पीड़िता को हर्जाने के तौर पर 117 पाउंड (करीब 14,000 रुपये) देने होंगे, ताकि वह खराब हुए बिस्तर और खिलौनों को बदल सके.

छात्र का भविष्य दांव पर

उत्कर्ष के वकील ने कहा कि यह हरकत उसके चरित्र के बिल्कुल खिलाफ है और उसने यह नासमझी में किया. अब उत्कर्ष यादव पर यूनिवर्सिटी से निकाले जाने और छात्र वीज़ा रद्द होने पर देश से निकाले जाने (Deportation) का खतरा मंडरा रहा है.

यूनिवर्सिटी ने फिलहाल यादव को दूसरे हॉस्टल में शिफ़्ट कर दिया है और एक स्टूडेंट के तौर पर उसकी स्थिति की समीक्षा कर रही है. यूनिवर्सिटी ने यह भी कहा है कि की-कार्ड की गलती को सुधार लिया गया है और अब ज़्यादा कड़े नियम लागू किए गए हैं.