
भारत द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर की गई एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का बयान सामने आया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर एक बयान जारी करते हुए इसे पाकिस्तान की धरती पर "कायराना हमले" का नाम दिया और भारत के इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. शरीफ ने कहा, "पाकिस्तान को इस युद्ध थोपने वाले कृत्य का शक्तिशाली जवाब देने का पूरा अधिकार है, और वह जवाब दिया जा रहा है."
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपनी सेना और नागरिकों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि पाकिस्तान की सेना और जनता पूरी तरह से एकजुट हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान दुश्मन से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और कोई भी नापाक इरादा सफल नहीं होने दिया जाएगा. उनके इस बयान में पाकिस्तान की दृढ़ता और युद्ध के लिए तैयार रहने का संदेश साफ तौर पर दिखाई दिया.
इस बयान के बाद, भारत की एयरस्ट्राइक को लेकर पाकिस्तान के अंदर हलचल तेज हो गई है, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की गई थी. भारतीय सेना ने मंगलवार की देर रात पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी, जिसे भारतीय वायु सेना ने अंजाम दिया. भारत का कहना था कि यह कार्रवाई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर की गई थी, जिसका उद्देश्य आतंकवादियों की गतिविधियों को रोकना था, न कि पाकिस्तान से युद्ध छेड़ने का.
مکار دشمن نے پاکستان کے پانچ مقامات پر بزدلانہ حملہ کیا ہے.
پاکستان بھارت کی مسلط کردہ اس جنگی عمل کا بھرپور جواب دینے کا پورا حق رکھتا ہے اور بھرپور جواب دیا جا رہا ہے.
پوری قوم افواج پاکستان کے ساتھ ہے اور پوری پاکستانی قوم کا مورال اور جذبہ بلند ہے.
پاکستانی قوم اور افواج…
— Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) May 6, 2025
भारत के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया, "ऑपरेशन सिंदूर का मकसद केवल उन आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था, जहां से भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की योजना बनाई जा रही थी." मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया कि भारत का उद्देश्य युद्ध नहीं था, बल्कि यह एक आतंकवाद विरोधी कार्रवाई थी.
यह एयरस्ट्राइक पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों जैसे बहावलपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद में की गई. इन क्षेत्रों में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर टारगेटेड स्ट्राइक की गई, जिसमें भारतीय वायु सेना ने सटीक हमला किया. भारतीय सेना का यह कदम जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया था, जिसमें 26 पर्यटकों की जान चली गई थी. इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि यदि ऐसी घटनाएं जारी रहती हैं, तो कठोर कदम उठाए जाएंगे.
इस घटना ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है, और पाकिस्तान ने भारत की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया है. वहीं, भारत ने साफ किया है कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ है, और इसका उद्देश्य पाकिस्तान से युद्ध नहीं है.
भारतीय रक्षा मंत्रालय के बयान के बाद यह सवाल भी उठने लगा है कि क्या यह कार्रवाई दोनों देशों के बीच संभावित संघर्ष की शुरुआत है या फिर एक और टकराव की ओर बढ़ते हुए, इस बार आतंकवाद के खिलाफ मोर्चा लिया गया है.