सुषमा संग बैठक रद्द होने पर तिलमिलाया पाकिस्तान, कुरैशी बोले-भारत बातचीत नहीं चाहता तो PAK...
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शुक्रवार को उनके तथा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बीच न्यूयार्क में प्रस्तावित बैठक भारत द्वारा रद्द करने पर निराशा जतायी और आरोप लगाया कि ‘‘आंतरिक दबाव’’ के कारण नयी दिल्ली ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ कदम उठाने को मजबूर हुआ. भारत ने जम्मू कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों की ‘‘बर्बर’’ हत्या और कश्मीरी आतंकवादी बुरहान वानी का ‘‘महिमामंडन’’ करने वाले डाक टिकट जारी करने को सुषमा और कुरैशी के बीच बैठक रद्द होने का कारण बताया. यह बैठक इस महीने न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के इतर होने वाली थी. कुरैशी ने विदेश मंत्री स्तर की बातचीत रद्द होने पर निराशा जतायी और कहा कि यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है.

उन्होंने यहां मीडिया से कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत ने सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी. भारतीयों ने एक बार फिर शांति का एक अवसर बेकार कर दिया.’’ यह भी पढ़े-पाकिस्तान को भारत ने दिखाई उसकी औकात,सुषमा-कुरैशी की मुलाकात रद्द...BSF जवान की हत्या बनी वजह

उन्होंने कहा कि क्षेत्र की शांति एवं स्थिरता के लिए बैठकर बात करना महत्वपूर्ण होता है.‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने कुरैशी के हवाले से कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि भारत ने अगले वर्ष प्रस्तावित अपने चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है.’’

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ कश्मीर सहित सभी लंबित मुद्दों को बातचीत के जरिये सुलझाना चाहता है. सरकारी ‘रेडियो पाकिस्तान’ ने उनके हवाले से कहा कि पाकिस्तान ने समस्याओं के समाधान और आपसी सहमति से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत की तरफ हमेशा प्रस्ताव आगे बढाया है लेकिन नयी दिल्ली अपनी ‘‘आंतरिक राजनीति’’ से बाहर नहीं आती.

मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान केवल इच्छा प्रकट कर सकता है कि भारत बातचीत की मेज पर आए लेकिन ‘‘हम न तो किसी पर दबाव बना सकते और ना ही इस उद्देश्य से यह (दबाव) स्वीकार करेंगे.’’

कुरैशी ने कहा कि विश्व आपसी संपर्क और क्षेत्रीय व्यापार को बढाना चाहता है लेकिन भारत समस्याएं पैदा कर रहा है.‘रेडियो पाकिस्तान’ की खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि भारत की ‘‘जिद्द’’ दक्षेस देशों के भविष्य को प्रतिकूल तरीके से प्रभावित कर रही है. लेकिन कुरैशी ने दोहराया कि किसी भी मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत ही एकमात्र तरीका है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने कहा है कि हम बातचीत चाहते हैं, लेकिन गरिमापूर्ण तरीके से.’’