इस्लामाबाद, 28 जनवरी : पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के विरोधियों का मानना है कि अगर इसके संस्थापक इमरान खान और अन्य शीर्ष नेताओं को अदालत में लंबित विभिन्न मामलों में दोषी ठहराया जाता है तो पार्टी पर प्रतिबंध लग सकता है.
विचाराधीन मामले 9 मई की हिंसा, साइफर मामले में गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन और विदेशी फंडिंग मामले सहित अन्य से संबंधित हैं. 2023 में, पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने घोषणा की थी कि पीटीआई को "निषिद्ध धन" प्राप्त हुआ था, जिससे शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली तत्कालीन पीडीएम सरकार के लिए पीटीआई को भंग करने का अवसर पैदा हो गया था. यह भी पढ़ें : पाकिस्तान में आम चुनाव : राजनीतिक दलों के घोषणापत्र में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को मिली प्राथमिकता
पिछली सरकार में कानून और न्याय मंत्री आजम नजीर तरार ने द न्यूज को बताया, ''पीडीएम सरकार को पीटीआई को प्रतिबंधित इकाई घोषित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सवाल उठाने का मौका मिला था, लेकिन तब शहबाज शरीफ सरकार ने बाद में उचित समय पर इस मामले पर आंदोलन करने का विकल्प चुना.''