व्यापार युद्ध की चिंता के बीच सोना रिकॉर्ड ऊंचाई पर
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच गहराते व्यापार युद्ध की आशंका के चलते निवेशक अब सुरक्षित विकल्पों की ओर भाग रहे हैं, जिसके चलते सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं.- एशियाई और अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट

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अदाणी प्रोजेक्ट के लिए धारावी के हजारों लोगों को कचरे के ढेर पर बसाने की तैयारी

पिछले साल अक्टूबर में, महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की घोषणा से ठीक एक दिन पहले, राज्य सरकार ने धारावी झुग्गी झोपड़ी पुनर्विकास परियोजना के तहत अनुमानित 50,000 से 1 लाख लोगों को देवनार लैंडफिल (मुंबई का सबसे बड़ा कचरा डंप) पर पुनर्वासित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. यह योजना अदाणी समूह और महाराष्ट्र सरकार के संयुक्त उपक्रम के तहत चलाई जा रही है.

इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत हासिल दस्तावेजों, ग्राउंड रिपोर्ट और परियोजना से जुड़े अधिकारियों के इंटरव्यू के आधार पर इसमें और जानकारी जुटाई है. इससे यह पता चला है कि यह निर्णय केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के स्थापित पर्यावरणीय मानकों और दिशानिर्देशों के खिलाफ है.

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि देवनार डंपिंग ग्राउंड पर मानव आवास बनाना स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए गंभीर खतरा हो सकता है. सीपीसीबी की गाइडलाइंस स्पष्ट रूप से कहती हैं कि ऐसे क्षेत्रों में रिहायशी विकास नहीं होना चाहिए, जहां भारी मात्रा में कचरा वर्षों से जमा है और मिट्टी, जल और वायु प्रदूषण की आशंका बनी रहती है.

इस परियोजना को लेकर अब नए सवाल खड़े हो रहे हैं—क्या पुनर्वास के नाम पर पर्यावरण और गरीबों के स्वास्थ्य को खतरे में डाला जा रहा है?

व्यापार युद्ध की चिंता के बीच सोना रिकॉर्ड ऊंचाई पर

वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच गहराते व्यापार युद्ध की आशंका के चलते निवेशक अब सुरक्षित विकल्पों की ओर भाग रहे हैं, जिसके चलते सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं. शुक्रवार को सोने की कीमतों ने इतिहास रच दिया, जब यह पहली बार 3,200 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गई. स्पॉट गोल्ड 1.3 फीसदी बढ़कर 3,216.48 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रहा था.

यह तब हुआ जब शुक्रवार को एशियाई शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई. जापान का निक्केई इंडेक्स चार फीसदी से ज्यादा लुढ़क गया. इससे एक दिन पहले, अमेरिकी शेयर बाजारों में भी बड़ी गिरावट आई थी, जिसने बुधवार की ऐतिहासिक तेजी का असर खत्म कर दिया. गुरुवार को व्हाइट हाउस ने साफ किया कि चीन पर अब कुल 145 फीसदी का टैरिफ लागू है, जिसमें फेंटानिल से जुड़ा 20 फीसदी का पहले से मौजूद शुल्क भी शामिल है.

इन सबके बावजूद, राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने उम्मीद जताई कि चीन के साथ एक अच्छा समझौता हो सकता है. उन्होंने कहा, “हम आखिरकार ऐसा समाधान निकालेंगे जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा.” बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक अमेरिका-चीन के बीच स्पष्ट समझौता नहीं होता, तब तक अस्थिरता बनी रहेगी और सोने जैसे सुरक्षित निवेश आकर्षक बने रहेंगे.

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