जर्मनी: 16 दिसंबर को होगा शॉल्त्स सरकार के भविष्य पर फैसला
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने मौजूदा गठबंधन के पतन के बाद पहली बार संसद में बोलते हुए कहा कि चुनावों के लिए जितनी जल्दी रास्ता साफ हो, उतना बेहतर है.जर्मनी में जारी राजनीतिक घटनाक्रम के बीच पहली बार संसद को संबोधित करने पहुंचे चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने विश्वास मत हासिल करने की तारीख का ऐलान कर दिया. 16 दिसंबर को शॉल्त्स गठबंधन विश्वास मत हासिल करने के लिए संसद में हाजिर होगा. चांसलर ने संसद में दिए भाषण में खुद इसकी घोषणा की.

इससे पहले उनकी योजना मार्च के अंत में चुनाव कराने की थी लेकिन विपक्ष के दबाव के चलते उन्हें अभी ये फैसला लेना पड़ा.

अब ऐसी उम्मीद है कि आगामी 23 फरवरी 2025 को जर्मनी में अगली सरकार के लिए चुनाव होगा.

मिलकर काम करने पर दिया जोर

सांसदों को संबोधित करते हुए शॉल्त्स ने कहा, "देश की भलाई के लिए चुनाव से पहले हमें मिलकर काम करना चाहिए."

शॉल्त्स नए चुनावों से पहले टैक्स में सुधार, आर्थिक विकास, बच्चों के लिए दिए जाने वाले भत्ते में बढ़ोत्तरी और संवैधानिक न्यायालय की सुरक्षा से जुड़े अहम कानूनों को चुनावों से पहले पास कराना चाहते हैं.

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जर्मनी की मौजूदा सरकार का पतन पूर्व वित्त मंत्री क्रिस्टियान लिंडनर द्वारा जारी 18 पन्नों का पेपर बना जिसकी वजह से उनकी पार्टी को मौजूदा गठबंधन से बाहर निकाल दिया गया. शॉल्त्स ने अपने संबोधन में इसका भी जिक्र किया और लिंडनर को बाहर करने के फैसले को सही और न टाला जा सकने वाला बताया.

यूक्रेन जरूरी, पर जर्मनी पहले

शॉल्त्स ने यूक्रेन को मिलने वाले समर्थन पर कहा कि ये जरूरी है कि एक देश जो रूस के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है, यूरोप उसका समर्थन करे लेकिन इस समर्थन की कीमत अपने नुकसान से नहीं चुकाई जानी चाहिए.

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शॉल्त्स कहा कि यूक्रेन को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा लेकिन उसके समर्थन के लिए हम अपने बजट में कटौती नहीं कर सकते हैं.

अमेरिका से मजबूत करने होंगे रिश्ते

भले ही शॉल्त्स सरकार का पतन अमेरिकी चुनावों के नतीजों के दिन हुआ हो लेकिन संसद में दिए अपने भाषण में उन्होंने अमेरिका और जर्मनी के संबंधों को बेहतर बनाने पर जोर दिया.

उन्होंने कहा, "मेरी ट्रंप से अच्छी बातचीत हुई. सरकार में चाहे कोई भी हो, हमें आने वाले दशकों में दोनों देशों के रिश्तों को और बेहतर बनाने के लिए वो सब कुछ करना चाहिए जो हम कर सकते हैं.

एवाई/आरपी (रॉयटर्स/डीपीए/एएफपी)