एच1बी वीजा धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार हुए चार भारतीय-अमेरिकी को 2,50,000 डॉलर के मुचलके पर मिली रिहाई

एच1बी वीजा धोखाधड़ी के मामले में दो आईटी कंपनियों में काम करने वाले चार भारतीय अमेरिकियों को गिरफ्तार किया गया है. अमेरिकी अटॉर्नी ने बताया कि एच1बी एक गैर-आव्रजक वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विशेषज्ञ कार्यों के लिए विदेशी नागरिकों को नौकरी देने की अनुमति देता है.

कानून (Photo Credit-Pixabay)

वॉशिंगटन : एच1बी वीजा (H1B Visa) धोखाधड़ी के मामले में दो आईटी कंपनियों में काम करने वाले चार भारतीय अमेरिकियों को गिरफ्तार किया गया है. इनपर एच1बी वीजा का गलत इस्तेमाल कर अपने प्रतिद्वंद्वियों पर अनुचित लाभ लेने का प्रयास करने का आरोप है. अमेरिकी अटॉर्नी ने बताया कि एच1बी एक गैर-आव्रजक वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विशेषज्ञ कार्यों के लिए विदेशी नागरिकों को नौकरी देने की अनुमति देता है.

विधि विभाग ने मंगलवार को कहा कि न्यूजर्सी के विजय माने (39), वेंकटरमण मन्नम (47) और फर्नेंडो सिल्वा (53) तथा कैलिफोर्निया के सतीश वेमुरी (52) पर वीजा धोखाधड़ी का आरोप है.

वेमुरी एक जुलाई को, मन्नम और सिल्वा 25 जून को जबकि माणे 27 जून को अलग-अलग अदालतों में पेश हुए थे. विधि विभाग ने बताया कि सभी को 2,50,000 डॉलर के मुचलके पर रिहा किया गया है.

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