पाकिस्तानियों का कमाल!!! सिक्योरिटी गार्ड ने डॉक्टर बनकर की सर्जरी, बुजुर्ग महिला की मौत

पाकिस्तान में एक चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आया है. यहां लाहौर के एक अस्पताल में एक पूर्व सुरक्षा गार्ड ने कथित तौर पर अपने आपको डॉक्टर के तौर पर पेश किया और एक बुजुर्ग महिला का ऑपरेशन कर दिया, जिनकी मौत हो गई है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

लाहौर, 9 जून : पाकिस्तान (Pakistan) में एक चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आया है. यहां लाहौर (Lahore) के एक अस्पताल में एक पूर्व सुरक्षा गार्ड ने कथित तौर पर अपने आपको डॉक्टर के तौर पर पेश किया और एक बुजुर्ग महिला का ऑपरेशन कर दिया, जिनकी मौत हो गई है.यह घटना लाहौर के मेयो अस्पताल की है, जहां 80 वर्षीय शमीमा बेगम की रविवार को मौत हो गई. अस्पताल के एक पूर्व सिक्योरिटी गार्ड मुहम्मद वहीद (Muhammad Waheed) बट ने बुजुर्ग महिला का इलाज किया था. मेयो सार्वजनिक अस्पताल है, जहां का प्रशासन इतनी बड़ी लापरवाही के सामने आने के बावजूद अपना पल्ला झाड़ रहा है. प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी की अनदेखी करते हुए कहा है कि वह अस्पताल में हर किसी डॉक्टर या अन्य कोई व्यक्ति क्या कर रहा है, उसकी निगरानी नहीं कर सकते हैं.

अस्पताल प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा, हर डॉक्टर और हर कोई हर समय क्या कर रहा है, हम उसके साथ तो नहीं चल सकते. यह एक बड़ा अस्पताल है.दिलचस्प बात यह है कि सर्जरी से पहले, बेगम का परिवार उनके घर पर आकर बुजुर्ग महिला के घाव को भरने के लिए इलाज करने की एवज में सुरक्षा गार्ड बट को भुगतान भी कर रहा था. हालांकि, जब घाव की स्थिति खराब हो गई और खून बहने लगा तथा दर्द भी बढ़ गया, तो उनका परिवार बेगम को अस्पताल लेकर गया, जहां उन्हें पता चला कि आखिर उनके साथ क्या घटित हुआ है. यह भी पढ़ें : Madhya Pradesh: बैतूल मे जन्मदिन मनाकर लौट रहे लोगों की बाईक ट्रक से टकराई, 3 की मौत

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बेगम के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनकी मौत असफल सर्जरी की वजह से तो नहीं हुई है. पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार करके हिरासत में ले लिया है. लाहौर पुलिस के प्रवक्ता अली सफदर ने कहा, गार्ड पर आरोप लगाया गया है और वह पुलिस हिरासत में है. यह भी पता चला कि बेगम अकेली मरीज नहीं थी, जो बट को घर पर जाकर इलाज के लिए पैसे दे रही थी. मेयो अस्पताल के एक स्टाफ सदस्य ने कहा, बट ने एक डॉक्टर के रूप में खुद को पेश किया और अन्य रोगियों के घर का दौरा भी किया. यह भी पढ़ें : नोएडा में मेट्रो रेल सेवाएं 39 दिन बाद बुधवार सुबह से शुरू हुईं

मेयो अस्पताल के एक कर्मचारी ने कहा कि बट को दो साल पहले मरीजों से पैसे निकलवाने की कोशिश के लिए निकाल दिया गया था. सार्वजनिक अस्पतालों में काम करने वाले सुरक्षा गाडरें की डॉक्टरों और चिकित्सा विशेषज्ञों के रूप में काम करने की ऐसी ही कहानियां देश के अन्य हिस्सों से भी सामने आई हैं, खासकर पंजाब प्रांत से. इस साल मई में, लाहौर के जनरल अस्पताल में डॉक्टर के रूप में पेश करने और मरीजों से पैसे निकालने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था. 2016 में, एक महिला को न्यूरोसर्जन होने का ढोंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. महिला कम से कम आठ महीने से देश की दूसरी सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुविधा लाहौर के सर्विस अस्पताल में योग्य डॉक्टरों के साथ ऑपरेशन कर रही थी.

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