क्या सच में ट्रंप ने रुकवाई थी भारत-पाक की जंग? अमेरिकी राष्ट्रपति का सनसनीखेज दावा

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर यह दावा करके सबको चौंका दिया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई उन्होंने ही रुकवाई थी. उनका कहना है कि अगर वो ट्रेड टैरिफ (व्यापार पर लगने वाला टैक्स) की धमकी नहीं देते, तो दोनों परमाणु हथियार वाले पड़ोसी देश जंग के लिए तैयार थे. ट्रंप ने यह भी कहा कि इसी टैरिफ की ताकत की वजह से अमेरिका आज एक "शांतिदूत" बन गया है और करोड़ों-अरबों डॉलर भी कमा रहा है.

क्या कहा डोनाल्ड ट्रंप ने?

व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, "अगर मेरे पास टैरिफ की ताकत नहीं होती, तो आज दुनिया में कम से कम चार और युद्ध हो रहे होते."

उन्होंने भारत-पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा, "अगर आप भारत और पाकिस्तान को देखें, तो वे लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार थे. सात विमान गिराए जा चुके थे. मैं यह तो नहीं बताऊँगा कि मैंने असल में क्या कहा, लेकिन जो भी कहा, वह बहुत असरदार था. हमने न सिर्फ करोड़ों-अरबों डॉलर कमाए, बल्कि टैरिफ की वजह से हम शांतिदूत भी बन गए."

पहले भी कर चुके हैं ऐसे दावे

यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने ऐसा दावा किया है. इससे पहले अगस्त में भी उन्होंने कहा था कि शांति स्थापित करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को धमकी दी थी. ट्रंप के मुताबिक, उन्होंने पीएम मोदी से कहा था, "मैं आपके साथ कोई ट्रेड डील नहीं करना चाहता. आप लोग एक परमाणु युद्ध की तरफ बढ़ रहे हैं." ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उन्होंने मोदी से कहा, "मुझे कल फोन करना, लेकिन हम आपके साथ कोई डील नहीं करेंगे, वरना हम आप पर इतने ज़्यादा टैरिफ लगाएँगे कि आपका सिर घूम जाएगा."

ट्रंप का दावा है कि पीएम मोदी से उनकी बातचीत के "पाँच घंटे" के अंदर ही दोनों देशों के बीच शांति समझौता हो गया.

भारत का क्या कहना है?

हालांकि, भारत ने हमेशा ट्रंप के दावों को खारिज किया है. भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच शांति की पहल तब हुई जब पाकिस्तानी सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) ने सीधे भारतीय DGMO से बात की. भारत के अनुसार, यह दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीधी बातचीत का नतीजा था, न कि किसी बाहरी दखल का.

पाकिस्तान ने क्या किया?

दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान ने शुरुआत में तो इस दावे से इनकार किया, लेकिन बाद में इसे मान लिया. इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने "भारत-पाकिस्तान संकट के दौरान निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप और नेतृत्व" के लिए ट्रंप का नाम 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भी प्रस्तावित कर दिया.