Penile Fractures: पश्चिमी देशों में त्योहारी सीजन में SEX के दौरान घायल हो रहे लोग, प्राइवेट पार्ट में इंजरी, डॉक्टरों ने दी चेतावनी
रंगीली फिजा में बेडरूम में होने वाली हादसों की संख्या भी चौंकाने वाली रफ्तार से बढ़ जाती है? डॉक्टरों का कहना है कि त्योहारों के दौरान शर्मनाक चोटों में भी इजाफा होता है, जिनमें पेनिस फ्रैक्चर (शिश्न भंग) तक शामिल है.
Embarrassing Injuries in The Bedroom : पश्चिमी देशों में इस वक्त क्रिसमस की धूम है. त्योहारी सीज़न के दौरान बेडरुम में शर्मनाक चोटों की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है, जिसमें पेनाइल फ्रैक्चर भी शामिल है.
त्योहारों का मौसम आते ही खुशियों के रंग बिखरने लगते हैं. घर-आंगन सजते हैं, मिठाइयों की खुशबू हवा में घुलती है और उत्साह का सिलसिला चल पड़ता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी रंगीली फिजा में बेडरूम में होने वाली हादसों की संख्या भी चौंकाने वाली रफ्तार से बढ़ जाती है? डॉक्टरों का कहना है कि त्योहारों के दौरान शर्मनाक चोटों में भी इजाफा होता है, जिनमें पेनिस फ्रैक्चर (शिश्न भंग) तक शामिल है. ये हैं वो 5 तरीके जिनसे सेक्स आपको खूबसूरत बनाता है!
यह सुनकर शायद आपको अजीब लगे, लेकिन आंकड़े इसी ओर इशारा करते हैं. कई अध्ययनों में दिखाया गया है कि त्योहारों के दौरान बेडरूम में हादसों का खतरा ज्यादा रहता है. हालांकि, इसके पीछे कोई एक ही वजह नहीं है, बल्कि कई कारकों का योगदान होता है.
क्यों बढ़ जाता है हादसों का खतरा?
शराब का नशा: त्योहारों में अक्सर शराब का प्रचुर मात्रा में सेवन होता है. इससे निर्णय लेने की क्षमता कम हो जाती है और शारीरिक नियंत्रण पर भी असर पड़ता है. नतीजतन, बेडरूम में गतिविधियों के दौरान हादसे होने का खतरा बढ़ जाता है.
उत्तेजना और जोश: त्योहारों का माहौल उत्साह और उत्तेजना से भरपूर होता है. ऐसे में लोग कभी-कभी जोश में बहकर असावधानी बरतने लगते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं.
नींद का अभाव और थकान: त्योहारों में देर रात तक चलने वाली पार्टियां और व्यस्तता नींद के पैटर्न को बिगाड़ती हैं. इससे थकान और शारीरिक क्षमता में कमी आती है, जिससे चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है.
पार्टनर के साथ ज्यादा समय: छुट्टियों के दौरान कपल को एक-दूसरे के साथ ज्यादा समय बिताने का मौका मिलता है. इससे बेडरूम में समय भी बढ़ जाता है, जिससे चोट लगने की संभावना भी बढ़ जाती है, भले ही वह त्योहार का मौसम न हो.
खुद को कैसे रखें सुरक्षित?
शराब का सेवन सावधानी से करें: अत्यधिक शराब पीने से बचें. शराब के नशे में शारीरिक संबंध स्थापित करने से बचें.
खुलकर बातचीत करें: अपने पार्टनर के साथ खुलकर बातचीत करें. अपनी इच्छाओं और सीमाओं के बारे में स्पष्ट रहें.
सुरक्षा को प्राथमिकता दें: ऐसी गतिविधियों से बचें जो असुविधाजनक या असुरक्षित महसूस हो. बेडरूम में आराम और सुरक्षा का ख्याल रखें.
अपने शरीर की सुनें: शारीरिक और मानसिक थकान के दौरान अंतरंग संबंध बनाने से बचें. आराम करें और तभी आगे बढ़ें जब आप तरोताजा महसूस कर रहे हों.
यह जरूरी है कि इस तरह की चोटों के बारे में खुलेआम बातचीत की जाए और उन पर शर्म का तमगा न लगाया जाए. शर्म के कारण कई पीड़ित चिकित्सकीय मदद लेने से बचते हैं, जिससे समस्या और बढ़ सकती है. याद रखें, किसी भी तरह की चोट, चाहे वो कितनी भी असहज महसूस हो, डॉक्टर से इलाज कराना जरूरी है.
तो इस बार जब आप त्योहारों का जश्न मनाएं, तो थोड़ी संभलकर मनाएं. सुरक्षा और सुझबूझ को अपनाएं, ताकि खुशियों के साथ-साथ बेडरूम में भी हादसों से बचा जा सके.