पोर्न पर लगाम लगाने के लिए चीन ने अपनाया नया पैंतरा, शिकायत करने वाले को दिए जाएंगे 61 लाख रुपए
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Facebook)

बीजिंग: चीन में युवाओं के बीच पोर्न फिल्में देखने का क्रेज लगातार बढ़ता ही जा रहा है, जिसने चीन की नींद हराम कर रखी है. युवाओं की पोर्न देखने की इस लत पर लगाम लगाने के लिए चीन ने एक अनोखा पैंतरा अपनाया है. जी हां, चीनी नियामक अधिकारियों ने अश्लील और अवैध पोर्न फिल्म की शिकायत करने वाले नागरिकों को नकद राशि देने की घोषणा की है. चीन के इस ऐलान के अनुसार, जो कोई भी पोर्न देखे जाने की जानकारी देग, उसे 61 लाख रुपये की मोटी रकम ईनाम के तौर पर दी जाएगी.

बता दें कि चीन के अथॉरिटी और गवर्नमेंट रेगुलेटर्स की ओर से जारी की गई यह व्यवस्था अगले महीने यानी 1 दिसंबर से लागू हो जाएगी और इसके बाद अश्लील सामग्रियों की रिपोर्ट करने वालों को मोटी रकम ईनाम के तौर पर दी जाएगी.

दिया जाएगा 61 लाख रुपए का नकद ईनाम 

जानकारी के मुताबिक, आगामी 1 दिसंबर से अश्लील और अवैध सामग्री की शिकायत करने वालों को 600,000 युआन यानी 86,000 डॉलर (61 लाख रुपए) तक की राशि नकद ईनाम के तौर पर दी जाएगी. बता दें कि इससे पहले दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार, यह राशि 3,00000 युआन थी, इस रमक को अब बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है. यह भी पढ़ें: पोर्न वेबसाइटों पर भारत में बैन: इन XXX साईट्स ने आदेशों को धता बताते हुए ढूंढ निकाला तोड़

9800 सोशल मीडिया अकाउंट्स किए साफ 

हाल ही में साइबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ चाइना (सीएसी) ने यह बयान दिया था कि उसने चीन में तकरीबन 9800 अकाउंट्स को साफ कर दिया है. इन सभी अकाउंट्स पर राजनीतिक तौर पर हानिकारक जानकारी और अफवाहें फैलाने का आरोप था. इसके बाद सीएसी ने नए नियमों को भी जारी किया, जिसके अंतर्गत सर्विस प्रोवाइडर्स को चैट लॉग, आईपी एड्रेस, डिवाइस और यूजर्स संबंधी डाटा की जानकारी पुलिस को मुहैया करानी होगी. इतना ही नहीं सीएसी ने कहा कि इंटरनेट नियमों की लापरवाही और उसका उल्लंघन करने के लिए मशहूर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीचैट और वेबो को भी दंडित किया गया है.

सार्वजनिक हितों के लिए उठाया गया ये कदम 

पोर्न के बढ़ते क्रेज को देखते हुए चीनी अफसरों का मानना है कि यह राष्ट्र की एकता को खतरे में डाल सकता है. इसके साथ ही पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के कारण इंटरनेट के व्यवस्थित विकास को बढ़ावा देना और सार्वजनिक हितों की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है और सार्वजनिक हितों को ध्यान में रखते हुए ही यह कदम उठाया गया है.