Anita Anand Canada’s New Defence Minister: भारतीय मूल की अनिता आनंद को मिली कनाडा के रक्षा मंत्रालय की कमान- जानें उनसे जुड़ी 5 खास बातें
भारतीय मूल की अनीता आनंद (Indian origin Anita Anand ) अब कनाडा की नई रक्षा मंत्री (Canada's new defense minister Anita Anand ) होंगी. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Prime Minister Justin Trudeau, Canada) ने कैबिनेट में फेरबदल किया और एक बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय मूल की अनीता आनंद को देश का नया रक्षा मंत्री नियुक्त किया है.
भारतीय मूल की अनीता आनंद (Indian origin Anita Anand ) अब कनाडा की नई रक्षा मंत्री (Canada's new defense minister Anita Anand ) होंगी. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Prime Minister Justin Trudeau, Canada) ने कैबिनेट में फेरबदल किया और एक बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय मूल की अनीता आनंद को देश का नया रक्षा मंत्री नियुक्त किया है. लंबे समय तक. रक्षा मंत्री रहे भारतीय मूल के हरजीत सज्जन की जगह अब अनींता आनंद कनाडा की रक्षा मंत्री होंगी. कनाडा की शीर्ष यूनिवर्सिटी में छात्राओं का हो रहा यौन उत्पीड़न
1) मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरजीत सज्जन को अब अंतरराष्ट्रीय मामलों का मंत्री बनाया गया है. वहीं इससे पहले हरजीत सज्जन पर सैन्य यौन दुराचार संकट से निपटने में असफल होने के आरोप लग चुके हैं. इसके बाद प्रधानमंत्री ट्रुडो ने उनको हटाकर अनीता आनंद को रक्षा मंत्री निुयक्त किया है.
2) मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे पहले तक अनीता आनंद को रक्षा उद्योग के विशेषज्ञों के बीच एक मजबूत दावेदार के रूप में देखा गया था, जिन्होंने कहा कि उन्हें भूमिका में ले जाने से बचे लोगों और सैन्य यौन दुराचार के शिकार लोगों को एक शक्तिशाली संकेत मिलेगा कि सरकार प्रमुख सुधारों को लागू करने के लिए गंभीर है.
3) बता दें कि अनीता आनंद का जन्म 1967 में नोवा स्कोटिया में भारतीय माता-पिता के घर हुआ था. अनीता आनंद के माता-पिता दोनों ही हेल्थ प्रोफेशनल रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी मां सरोज पंजाब से हैं और पिता एस.वी. आनंद तमिलनाडु के रहने वाले थे.
4) वहीं अनीता आनंद टोरंटो यूनिवर्सिटी में कानून की प्रोफेसर भी रह चुकी हैं. इसके साथ ही उन्होंने टोरंटो के पास ओकविले से वर्ष 2019 में सांसद का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की थी. इसके बाद उनको सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था.
5) वहीं इससे पहले उन्होंने व्यापक शोध के साथ-साथ एयर इंडिया जांच आयोग की भी सहायता की. आयोग ने 23 जून 1985 को एयर इंडिया कनिष्क उड़ान 182 की बमबारी की जांच की, जिसमें सभी 329 लोग मारे गए थे. ये मामला खालिस्तानियों से जुड़ा था.