बैंकॉक में एक पूर्व कंबोडियाई विपक्षी नेता और फ्रांसीसी नागरिक लिम किम्या की गोली मारकर हत्या कर दी गई. यह घटना मंगलवार को तब हुई, जब 74 वर्षीय किम्या कंबोडिया के सिएम रीप से बस द्वारा बैंकॉक पहुंचे. हत्या को अंजाम देने वाला हमलावर मोटरसाइकिल पर सवार था.
लिम किम्या अपनी फ्रांसीसी पत्नी और कंबोडियाई रिश्तेदार के साथ यात्रा कर रहे थे, जब बैंकॉक के प्रसिद्ध खाओ सान रोड क्षेत्र में उन पर हमला हुआ. थाई पुलिस ने किम्या की मौत की पुष्टि की है और हत्या के पीछे की वजह जानने के लिए जांच शुरू कर दी है. घटना स्थल पर खून के निशान देखे गए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हमला सुनियोजित था.
किम्या का राजनीतिक जीवन
लिम किम्या 2013 के आम चुनाव में कंबोडिया के विपक्षी दल, कंबोडिया नेशनल रेस्क्यू पार्टी (CNRP), से सांसद चुने गए थे. यह पार्टी 2017 में कोर्ट के आदेश से भंग कर दी गई थी, जिसके बाद कई विपक्षी नेताओं को राजनीति से प्रतिबंधित कर दिया गया.
किम्या ने अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा था, "मैं कभी राजनीति नहीं छोड़ूंगा," और फ्रांसीसी नागरिक होने के बावजूद उन्होंने देश छोड़ने से इनकार कर दिया था.
कंबोडिया की राजनीतिक पृष्ठभूमि
कंबोडिया के पूर्व नेता हुन सेन ने चार दशकों तक सत्ता में रहते हुए विपक्ष पर सख्त कार्रवाई की. विपक्षी नेताओं, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं पर मुकदमे चलाए गए, और कई को जेल में डाल दिया गया. पार्टी के सह-संस्थापक केम सोखा को 2023 में देशद्रोह के आरोप में 27 साल की सजा सुनाई गई, जबकि दूसरे सह-संस्थापक सैम रेंसि ने फ्रांस में निर्वासन में शरण ली.
मानवाधिकार समूहों की प्रतिक्रिया
एशिया मानवाधिकार कार्यकर्ता फिल रॉबर्टसन ने इस हत्या की कड़ी निंदा करते हुए फ्रांसीसी सरकार से मामले की गहन जांच की मांग की है. उन्होंने कहा, "फ्रांसीसी सरकार को इस हत्या की तह तक जाना चाहिए और थाई सरकार पर दबाव बनाना चाहिए."
लिम किम्या की हत्या ने एक बार फिर दक्षिण-पूर्व एशिया में राजनीतिक असहमति पर बढ़ते खतरे को उजागर किया है. यह घटना न केवल कंबोडिया बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के लिए भी चिंता का विषय है. इस हत्याकांड की निष्पक्ष और सख्त जांच से ही सच्चाई सामने आ सकती है.