चीन की बढ़ सकती है मुश्किलें, कोरोना महामारी के बाद ब्यूबोनिक प्लेग का संकट

पूरी दुनिया जब कोविड19 महामारी के खिलाफ लड़ रही है, ऐसे में उत्तरी चीन के मंगोलिया के एक अस्पताल में ब्यूबोनिक प्लेग का एक मामला सामने आया है. जिसे ब्लैक डेथ भी कहते हैं. एक स्थानीय स्वास्थ्य आयोग ने जारी बयान में बताया है कि ब्यूबोनिक प्लेग के संदिग्ध मामले का पता चला है.

चीन का झंडा (photo Credits: PTI)

पूरी दुनिया जब कोविड19 महामारी के खिलाफ लड़ रही है, ऐसे में उत्तरी चीन के मंगोलिया के एक अस्पताल में ब्यूबोनिक प्लेग का एक मामला सामने आया है. जिसे ब्लैक डेथ भी कहते हैं. एक स्थानीय स्वास्थ्य आयोग ने जारी बयान में बताया है कि ब्यूबोनिक प्लेग के संदिग्ध मामले का पता चला है.

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस के कहर के बाद, अब चीन में ब्यूबोनिक प्लेग को लेकर थर्ड स्टेज की चेतावनी जारी की गई है। यह चेतावनी इस वर्ष के अंत तक बढ़ाई जा सकती है.रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य आयोग ने चेतावनी दी कि प्लेग से मानव-से-मानव संक्रमण का जोखिम है.
डब्ल्यूएचओ ने क्या कहा
दरअसल ब्‍यूबोनिक प्लेग की थर्ड स्टेज के अलर्ट में उन जानवरों का शिकार करना और खाना प्रतिबंधित होता है, जिससे ऐसा कोई संक्रामक रोग फैलने का खतरा होता है.  साथ ही लोगों को बीमारी के बारे में जागरूक भी किया जाता है.इसलिए स्थानीय स्वास्थ्य आयोग ने शहर में लोगों से संक्रमण से बचने के लिए सावधानी बरतने का आग्रह किया है. यह भी पढ़े: चीन, दक्षिण कोरिया में फिर बढ़ रहा है कोरोना वायरस का संक्रमण, ऑस्ट्रेलिया पर भी मंडरा रहा खतरा
बताया गया है कि ब्यूबोनिक प्लेग एक बैक्टीरिया जनित रोग है। लेकिन ये खतरनाक हो सकता है. हांलाकि यह एंटीबॉयोटिक दवाइयों से ठीक हो सकता है। इस बारे में  विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि, यदि समय पर इलाज नहीं किया गया तो प्लेग 24 घंटे से कम समय में मरीज की जान ले सकता है. चीन की शिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक पश्चिमी मंगोलिया के खोवड प्रांत में बुबोनिक प्लेग के दो संदिग्ध मामले सामने आए। हांलाकि दोनों की हालत अभी स्थिर है.
कैसे फैलता है ब्यूबोनिक प्लेग
ब्यूबोनिक कोई नई बीमारी नहीं है बल्कि इसकी वजह से करोड़ों लोग पहले भी मारे जा चुके हैं। इसे 'ब्लैक डेथ' या काली मौत भी कहते हैं. तीन प्रकार के प्लेग में एक ब्यूबोनिक प्लेग होता है जो जीवाणु यर्सिनिया पेस्टिस के कारण होता है. जो आमतौर पर पिस्सू में पाया जाता है। संक्रमित पिस्सू के काटने पर लोग प्लेग की चपेट में आते हैं और यह ब्यूबोनिक प्लेग में बदल जाता है.
क्या हैं लक्षण
यदि कोई ब्यूबोनिक प्लेग से प्रभावित है तो बैक्टीरिया के संपर्क में आने के एक से सात दिनों के भीतर फ्लू जैसे लक्षण आते हैं। बुबोनिक प्लेग के लक्षणों में सिरदर्द, बुखार और उल्टी शामिल हैं। लिम्फ नोड्स में सूजन और दर्द होता है, यह वो जगह है जहां से बैक्टीरिया शरीर में संक्रमण फैलाता है.
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