बांग्लादेश में पिछले 32 घंटों के अंदर भूकंप के चार झटकों ने लोगों में दहशत फैला दी है. शुक्रवार को आए एक तेज भूकंप ने 10 लोगों की जान ले ली, और इसके बाद शनिवार को तीन और झटके महसूस किए गए. हालात यह हैं कि लोग डरे हुए हैं और एक्सपर्ट्स ने इसे किसी बड़े खतरे का संकेत बताया है.
क्या हुआ पिछले 32 घंटों में?
शुक्रवार सुबह 5.7 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र नरसिंगदी में था. इस भूकंप ने भारी तबाही मचाई—10 लोगों की मौत हो गई और कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं. राजधानी ढाका समेत देश के मध्य हिस्सों में इसका सबसे ज्यादा असर दिखा.
लेकिन डर यहीं खत्म नहीं हुआ. शनिवार को तीन और झटके लगे:
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शनिवार सुबह: देश में एक और झटका महसूस किया गया.
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शनिवार शाम (6 बजे के करीब): दो झटके लगभग एक साथ आए.
मौसम विभाग (BMD) के मुताबिक, शनिवार शाम को आए झटकों में से एक का केंद्र ढाका के भीड़भाड़ वाले बड्डा (Badda) इलाके में जमीन के नीचे था, जिसकी तीव्रता 3.7 थी. दूसरा झटका नरसिंगदी में आया, जिसकी तीव्रता 4.3 मापी गई.
क्यों हुआ इतना नुकसान?
मौसम विभाग के डायरेक्टर मो. मोमेनुल इस्लाम ने बताया कि बाद में आए तीनों झटके असल में शुक्रवार को आए बड़े भूकंप के 'आफ्टरशॉक्स' (बाद के झटके) थे.
उन्होंने कहा, "भले ही तीव्रता 6 से कम थी, लेकिन झटके काफी देर तक महसूस किए गए क्योंकि हमारे इलाके की मिट्टी की बनावट (soil composition) थोड़ी कमजोर है." पहले झटके के दौरान कंपन करीब 25 सेकंड तक रहा, जिससे कई पुरानी और कमजोर इमारतें हिल गईं.
बड़े खतरे की घंटी
विशेषज्ञ लंबे समय से चेतावनी दे रहे हैं कि बांग्लादेश एक बड़े भूकंप के मुहाने पर बैठा है. यह देश टेक्टोनिक प्लेट्स के टकराव वाले क्षेत्र (collision zone) में आता है और यहां कई सक्रिय फॉल्ट लाइन्स हैं.
राजधानी ढाका दुनिया के उन 20 शहरों में शामिल है जहां भूकंप का सबसे ज्यादा खतरा है. इसकी वजह यहां की घनी आबादी और पुरानी जर्जर इमारतें हैं. इतिहास भी डराने वाला है—1869 से 1930 के बीच इस क्षेत्र में 7.0 से ज्यादा तीव्रता वाले पांच बड़े भूकंप आ चुके हैं.













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