NHRC Bangladesh Members Resignation: सांप्रदायिक तनाव के बीच बांग्लादेश में मानवाधिकार आयोग के सभी सदस्यों ने दिया इस्तीफा
बांग्लादेश के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सभी सदस्यों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया, जिसमें बढ़ती हिंसा और अल्पसंख्यकों पर हमलों का जिक्र किया गया. इस्तीफा आयोग की रिपोर्ट आने के तुरंत बाद हुआ, जिसमें अक्टूबर में अपराधों में वृद्धि का संकेत दिया गया था.
Bangladesh Human Rights Commission: बांग्लादेश में मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए गठित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के सभी सदस्यों ने एकसाथ इस्तीफा दे दिया है. यह सामूहिक त्यागपत्र आयोग की एक रिपोर्ट आने के तुरंत बाद दिया गया, जिसमें देश में बढ़ती हिंसा का मुद्दा उठाया गया था. आयोग के चेयरमैन कमाल उद्दीन अहमद समेत सभी पांच सदस्यों ने अपने इस्तीफे राष्ट्रपति को सौंप दिए हैं. इन सदस्यों में सलीम राजा, कोंगजरी चौधरी, विश्वजीत चांदा और तानिया शामिल हैं.
आयोग की प्रवक्ता युशा रहमान ने इस्तीफे की पुष्टि की है, लेकिन इस्तीफे के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं किया गया है. प्रवक्ता ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इस्तीफे का कारण उन्हें ज्ञात नहीं है.
क्या है इस्तीफे का असली कारण?
बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इन इस्तीफों का कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना के हालिया इस्तीफे के बाद देश की अस्थिर स्थिति है. शेख हसीना ने 5 अगस्त को प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया था और इसके बाद देश छोड़कर चली गई थीं. उनके इस्तीफे के बाद से बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर राजनीतिक बदलाव हुए हैं, कई विभागों में फेरबदल और अन्य प्रशासनिक बदलाव भी किए गए हैं.
हसीना के पद छोड़ने के बाद से बांग्लादेश में सांप्रदायिक तनाव और हिंसा में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. खासकर अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय इस हिंसा का मुख्य शिकार बन रहा है, जिसके चलते भारत ने भी बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर कड़ी कार्रवाई की अपील की है. रिपोर्टों के अनुसार, हसीना के इस्तीफे के बाद से हिंदू समुदाय के खिलाफ 2,000 से अधिक हमले दर्ज किए गए हैं, जिससे अल्पसंख्यकों के बीच असुरक्षा का माहौल और गहरा हो गया है.
मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट और इस्तीफा
NHRC की रिपोर्ट के अनुसार, देश में अक्टूबर माह में अपराधों की दर में तेज़ी से वृद्धि हुई है. इस रिपोर्ट में दर्ज हिंसा और अपराधों की संख्या ने आयोग के सदस्यों के इस्तीफे पर सवाल खड़े किए हैं. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि देश में हिंसा और सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं में इजाफा हुआ है, जो मानवाधिकार उल्लंघन की चिंताओं को जन्म दे रहा है. रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के दो दिन बाद ही आयोग के सभी सदस्यों ने अपना पद छोड़ दिया.
बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा पर भारत की चिंता
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर भारत सरकार ने भी गहरी चिंता जताई है. भारत ने बांग्लादेश सरकार से अपील की है कि वे अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कदम उठाएं. हसीना के इस्तीफे के बाद से सांप्रदायिक तनाव के कारण देश में हिंसात्मक घटनाओं का सिलसिला बढ़ गया है.
इस्तीफों का असर और आने वाले सवाल
NHRC के सभी सदस्यों के सामूहिक इस्तीफे ने बांग्लादेश की सियासत और प्रशासनिक ढांचे पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. मानवाधिकार आयोग के सदस्यों के बिना, देश में मानवाधिकारों की सुरक्षा और न्यायिक प्रक्रियाओं पर प्रश्न चिन्ह लग गए हैं. क्या यह इस्तीफे सरकार पर किसी तरह का दबाव बनाने के लिए दिए गए हैं, या फिर यह देश की अस्थिर राजनीतिक स्थिति का नतीजा है, इस पर आने वाले दिनों में अधिक जानकारी मिलने की उम्मीद है. इस घटनाक्रम ने बांग्लादेश की राजनीति और मानवाधिकारों की सुरक्षा के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान खींचा है.