हज यात्रा: सऊदी अरब की जमीन पर 42 पाकिस्तानी हज यात्रियों ने तोड़ा दम

सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान विभिन्न वजहों से कम से कम 42 पाकिस्तानी नागरिकों की मौत हो गई.

मस्जिद ए हरम, मक्का (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली : सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान विभिन्न वजहों से कम से कम 42 पाकिस्तानी नागरिकों की मौत हो गई. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से कहा, "42 मृतकों में से, 30 पुरुष और 12 महलाएं हैं. इनमें से अधिकतर की मौत दम घुटने या सड़क दुर्घटनाओं में हुई है." मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, सरकारी और निजी कार्यक्रमों के अंतर्गत, इस वर्ष हज करने अब तक 1,84,210 पाकिस्तानी यात्री सऊदी अरब पहुंच चुके हैं.

हज एक इस्लामी तीर्थयात्रा और मुस्लिम लोगों का पवित्र शहर मक्का में प्रतिवर्ष होने वाला विश्व का सबसे बड़ा जमावड़ा है. यह इस्लाम के पांच मूल स्तंभ में से एक है, साथ ही यह एक धार्मिक कर्तव्य है जिसे अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार पूरा करना हर उस मुस्लिम चाहे स्त्री हो या पुरुष का कर्तव्य है जो सक्षम शरीर होने के साथ साथ इसका खर्च भी उठा पाने में समर्थ हो. हज मुस्लिम लोगों की एकजुटता का प्रदर्शन होने के साथ साथ उनका अल्लाह (ईश्वर) में विश्वास होने का भी प्रतिक है.

यह तीर्थयात्रा इस्लामी कैलेंडर के 12 वें और अंतिम महीने धू अल हिज्जाह की 8 वीं से 12 वीं तारीख तक की जाती है. इस्लामी कैलेंडर एक चंद्र कैलेंडर है इसलिए इसमें, पश्चिमी देशों में प्रयोग में आने वाले ग्रेगोरियन कैलेंडर से ग्यारह दिन कम होते हैं, इसीलिए ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार हज की तारीखें साल दर साल बदलती रहती हैं. इहरम वो विशेष आध्यात्मिक स्थिति है जिसमें मुसलमान हज को दौरान रहते हैं.

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