गूगल के स्वामित्व वाला लोकप्रिय वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में बताया कि उसने भारत में अपनी सामुदायिक दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले 22.5 लाख से अधिक वीडियो हटा दिए हैं. यह रिपोर्ट अक्टूबर से दिसंबर 2023 के बीच की है और यूट्यूब के मुताबिक, इस दौरान हटाए गए वीडियो की संख्या दुनिया के 30 देशों में सबसे ज्यादा है.
दूसरे स्थान पर सिंगापुर (12,43,871 वीडियो) और तीसरे स्थान पर अमेरिका (7,88,354 वीडियो) रहा. इराक सबसे कम वीडियो हटाने वाला देश रहा, जहां सिर्फ 41,176 वीडियो हटाए गए.
पूरी दुनिया में इसी अवधि के दौरान यूट्यूब ने कुल 90 लाख वीडियो हटाए, जिनमें से चौंकाने वाले 96 फीसदी वीडियो को सबसे पहले मशीनों द्वारा चिन्हित किया गया था.
यूट्यूब के बयान के अनुसार इनमें से 53.46 फीसदी वीडियो को एक बार भी देखे जाने से पहले ही हटा दिया गया, जबकि 27.07 फीसदी वीडियो को हटाने से पहले सिर्फ 1 से 10 बार देखा गया.
🚨 YouTube removes 2.25 million videos in India for violating community guidelines in Q4 2023. pic.twitter.com/uTw3rtiMzm
— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) March 27, 2024
यूट्यूब का कहना है कि, "हमारे सामुदायिक दिशानिर्देश दुनिया भर में एक समान तरीके से लागू किए जाते हैं, भले ही वीडियो को किसने अपलोड किया है, इसे कहां अपलोड किया गया है या इसे कैसे बनाया गया है. अगर कोई सामग्री हमारे दिशानिर्देशों का उल्लंघन करती है तो उसे पूरी दुनिया से हटा दिया जाता है. इन दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए मशीन लर्निंग और मानवीय समीक्षकों दोनों का इस्तेमाल किया जाता है."
इसके अलावा, यूट्यूब ने चौथी तिमाही 2023 में "स्पाम नीतियों का उल्लंघन करने" के लिए 2 करोड़ से अधिक चैनल भी हटा दिए. इन स्पाम नीतियों में धोखाधड़ी, गुमराह करने वाला विवरण या थंबनेल, वीडियो और कमेंट स्पैम जैसी चीज़ें शामिल हैं.
1.1 बिलियन से अधिक टिप्पणियाँ भी हटा दी गईं, जिनमें से अधिकांश स्पैम थीं. यूट्यूब ने कहा कि हटाई गई 99 प्रतिशत से अधिक टिप्पणियों का स्वचालित रूप से पता लगाया गया.