TCS ने 14 साल पुराने कर्मचारी को दिया गया ‘कम सेवरेंस या टर्मिनेशन’ का अल्टीमेटम, उठी जांच की मांग
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services) एक बार फिर विवादों के घेरे में है. लगभग 12,000 कर्मचारियों की छंटनी के बीच अब एक वरिष्ठ कर्मचारी का मामला सामने आया है, जिसने झटके में पूरे IT सेक्टर को हिला दिया.
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services) एक बार फिर विवादों के घेरे में है. लगभग 12,000 कर्मचारियों की छंटनी के बीच अब एक वरिष्ठ कर्मचारी का मामला सामने आया है, जिसने झटके में पूरे IT सेक्टर को हिला दिया. 29 साल के एक्सपीरियंस और 14 साल TCS में काम करने वाले इस कर्मचारी को HR ने साफ शब्दों में कहा या तो कम सेवरेंस पैकेज स्वीकार करो या टर्मिनेशन के लिए तैयार रहो. हैरानी की बात यह है कि यह दबाव उस समय डाला गया जब कर्मचारी मेडिकल लीव पर सर्जरी का इंतजार कर रहा था.
रिपोर्ट के मुताबिक, TCS ने इस वरिष्ठ कर्मचारी को सिर्फ 10 महीने का सेवरेंस पैकेज ऑफर किया. कई कर्मचारियों का दावा है कि कंपनी ने पहले कहा था कि जिनके पास 10 साल से अधिक का अनुभव है, उन्हें 2 साल की सैलरी सेवरेंस में दी जाएगी. लेकिन इस मामले में सिर्फ 10 महीने की राशि देकर कर्मचारी पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया.
AI और ऑटोमेशन के नाम पर 12,000 नौकरियां गईं
Financial Express की रिपोर्ट के अनुसार, TCS ने 2025 में कई चरणों में छंटनी की, जिसका कारण बताया गया AI और ऑटोमेशन की ओर तेज बदलाव. इसके चलते कंपनी के ग्लोबल वर्कफोर्स में भारी गिरावट आई और Q2 FY2026 में यह संख्या घटकर 5,94,314 रह गई.
कई कर्मचारियों के मुताबिक, छंटनी की यह लहर अचानक नहीं थी, बल्कि पिछले कई महीनों से धीरे-धीरे कर्मचारियों को बाहर किया जा रहा था.
यूनियनों ने बताया ‘गैरकानूनी’
NITES (Nascent Information Technology Employees Senate) ने इन लेऑफ को गैरकानूनी बताया और कई शिकायतें पुणे लेबर कमिश्नर के पास दर्ज कराई, जिसके बाद TCS को समन भी भेजा गया. इसी बीच FITE (Forum for Information Technology Employees) ने दावा किया कि कई कर्मचारियों को जबरन इस्तीफा दिलवाया गया. कई को कंपनी ने किया वादा पूरा नहीं किया और कई मेडिकल कंडीशन वाले लोग तक टारगेट बने
SIT जांच की मांग
FITE ने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए SIT जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों को मेडिकल इमरजेंसी में भी इस्तीफा देने को मजबूर किया गया, उनके लिए न्याय जरूरी है.