Moon's Wobble: चंद्रमा के ‘डगमगाने’ से पृथ्वी पर आएगी विनाशकारी बाढ़, NASA के स्टडी से हुआ चौंकाने वाला खुलासा
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

Moon's Wobble: अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (National Aeronautics and Space Administration) यानी नासा (NASA) द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि चंद्रमा के 'डगमगाने' के साथ-साथ समुद्र का स्तर बढ़ने के कारण साल 2030 के दशक में विनाशकारी बाढ़ आएगी. प्राकृतिक आपदा को 'उपद्रव बाढ़' (Nuisance Floods) के रूप में संदर्भित करते हुए अध्ययन में कहा गया है कि घटनाएं अधिक बार और अनिश्चित हो जाएंगी और अमेरिकी तटरेखा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

पृथ्वी पर बाढ़ को लेकर चंद्रमा के प्रभाव के बारे में हवाई यूनिवर्सिटी (University of Hawaii) के सहायक प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख लेखक फिल थॉम्पसन (Phil Thompson) ने कहा कि चंद्रमा की कक्षा में 'डगमगाने' (Moon’s wobble) को पूरा होने में 18.6 साल लगते हैं. चलिए जानते हैं इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें. यह भी पढ़ें: Fleet Of 10 UFOs: नासा लाइवस्ट्रीम के दौरान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के पास 10 यूएफओ को मंडराते हुए देखे जाने का दावा (Watch Video)

चंद्रमा के डगमगाने को हमेशा खतरनाक माना जाता है, क्योंकि इससे प्लानेट गर्म होगा और समुद्र का स्तर बढ़ने लगेगा. चंद्रमा के डगमगाने का यह चक्र 2030 के दशक के मध्य में पूरी होने की उम्मीद है और समुद्र के बढ़ते स्तर के साथ विनाशकारी बाढ़ आ सकती है. नासा की वेबसाइट के अनुसार, जब चंद्रमा अपनी अंडाकार कक्षा बनाता है तो उसका वेग बदलता है, जिससे प्रकाश पक्ष का हमारा दृष्टिकोण थोड़ा अलग कोणों पर दिखाई देता है. इसे ही चंद्रमा का डगमगाना कहा जाता है या ऐसा हमारी आंखों को दिखाई देता है.

नासा का कहना है कि जहां आसमान की ओर एक आकस्मिक निगाह इस बात का खुलासा नहीं करेगी, जब पूरे महीने का चंद्र दृश्य 12 सेकेंड में संकुचित हो जाता है, तो इसे याद करना असंभव है. करीब 18.6 वर्ष की चंद्रमा की कक्षा के आधे भाग के दौरान पृथ्वी के नियमित ज्वार को दबा दिया जाता है. इससे हाई टाइड सामान्य से कम और लो टाइड सामान्य से अधिक होते हैं. दूसरे भाग में इसका प्रभाव उल्टा होता है, जिसे चंद्रमा ज्वार प्रवर्धक चरण (Tide-Amplifying Phase) कहा जाता है.