आंख सहित चेहरे के पहले प्रत्यारोपण का मरीज एक साल बाद स्वस्थ
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

करीब डेढ़ साल बाद, दुनिया में पहली बार चेहरा प्रत्यारोपण कराने वाला मरीज ठीकठाक है. यह पहली बार था जब चेहरे के प्रत्यारोपण में आंख को शामिल किया गया था.प्रत्यारोपण के क्षेत्र में विज्ञान को बड़ी सफलता हासिल हुई है. न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के लांगोन अस्पताल में मई 2023 में 46 वर्षीय पूर्व सैनिक एरोन जेम्स को नया चेहरा लगाया गया था. यह दुनिया का पहला संपूर्ण आंख और आंशिक चेहरे का प्रत्यारोपण था. जेम्स बिजली का झटका लगने से घायल हो गए थे और उनका चेहरा जल गया था. अस्पताल के मुताबिक एक साल बाद, जेम्स की हालत में बहुत अच्छा सुधार हुआ है और अमेरिका के आर्केन्सॉ में वह अपनी सामान्य जिंदगी जी पा रहे हैं.

इस सर्जरी के बारे में अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) की पत्रिका में एक शोध पत्र प्रकाशित हुआ है. इसी महीने प्रकाशित इस अध्ययन में पिछले साल की सर्जरी के परिणाम और खोजों को विस्तार से समझाया गया है. शोधकर्ता कहते हैं कि प्रत्यारोपित आंख ने समय के साथ सामान्य दबाव और रक्त प्रवाह बनाए रखा. यह इसलिए भी विशेष है क्योंकि जब जानवरों पर इस तरह के प्रत्यारोपण के प्रयोग किए गए थे तब ऐसा नहीं हुआ था.

भविष्य के लिए उम्मीद

हालांकि प्रत्यारोपित आंख की रोशनी नहीं लौट पाई है, लेकिन इलेक्ट्रोरेटीनोग्राफी—जो रेटिना की प्रकाश के प्रति इलेक्ट्रिकल प्रतिक्रिया को मापता है—ने एक फोटोरिसेप्टर प्रतिक्रिया दिखाई है, जिससे पता चलता है कि आंख के प्रकाश-संवेदनशील तंत्रिका कोशिकाएं जीवित हैं. यह इलेक्ट्रिकल प्रतिक्रिया प्रकाश को संकेतों में परिवर्तित करती है, जिन्हें दिमाग चित्रों में बदल देता है. इस सफलता से उत्साहित शोधकर्ताओं का कहना है कि भविष्य में संपूर्ण आंख के प्रत्यारोपण की उम्मीद बनती है.

अस्पताल के मुताबिक इस अध्ययन के प्रमुख लेखक सर्जन डॉ एडुआर्डो डी. रोड्रिग्ज ने कहा, "हमारे पिछले एक साल की खोज के नतीजे शुरुआती रूप से उम्मीद भरे हैं, जो आगे की प्रगति और अनुसंधान के लिए आधार बनाते हैं. हम एरोन की रिकवरी से सच में चकित हैं.”

डॉ. रोड्रिग्ज चेहरे के प्रत्यारोपण कार्यक्रम के निदेशक और लॉरा और आइजक पर्लमुटर कॉस्मेटिक प्लास्टिक सर्जरी सेंटर के निदेशक हैं. वह न्यू यॉर्क के हैंसजॉर्ग वायस विभाग के अध्यक्ष भी हैं.

एरोन जेम्स के चेहरे के प्रत्यारोपण के लिए 21 घंटे लंबी सर्जरी चली थी. इसमें अत्याधुनिक माइक्रोसर्जिकल तकनीक, अनुकूलित सर्जिकल उपकरण, और सेल-आधारित चिकित्सा का इस्तेमाल किया गया. इस प्रक्रिया में पहली बार मानव ऑप्टिक तंत्रिका में स्टेम कोशिकाओं को प्रत्यारोपण के दौरान इंजेक्ट किया गया, जिसका मकसद तंत्रिकाओं के दोबारा निर्माण को बढ़ावा देना था. शोधकर्ता कहते हैं कि यह पूरी प्रक्रिया बेहद चुनौतीपूर्ण है और इसमें कई मुश्किलें भी हैं लेकिन खोज साबित करती है कि इस प्रक्रिया से मरीज को जरूरी कामों के योग्य बनाया जा सकता है. प्रत्यारोपण तकनीक ने हाल के सालों में बड़ी प्रगति की है. पिछले साल ही मृत शरीरों का दिल प्रत्यारोपित करने में कामयाबी मिली थी.

आंख की देखने की क्षमता ना लौट पाने के बारे में शोधकर्ता कहते हैं कि ऑप्टिक तंत्रिका में नुकसान के कारण रेटिनल ऊतक का कुछ नुकसान हुआ है और इन शुरुआती खोजों से और अधिक निष्कर्ष निकालने के लिए आगे परीक्षणों की जरूरत है.

अस्पताल की ओर से जारी एक बयान में एरोन की नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं और नेत्र रोग विभाग में रेटिना विशेषज्ञ डॉ. वैदेही एस डेडानिया ने बताया, "हमारा अध्ययन पहली बार यह दिखाता है कि चेहरे के प्रत्यारोपण के साथ संपूर्ण आंख का प्रत्यारोपण संभव है. इस प्रक्रिया के बाद जो परिणाम हमें मिल रहे हैं, वे काफी अद्भुत हैं. इनसे नए क्लिनिकल परीक्षणों के लिए रास्ता खुलता है और महत्वपूर्ण संवेदनात्मक अंगों से जुड़े जटिल प्रत्यारोपण में आगे के अनुसंधान की प्रेरणा मिलती है.”

एरोन जेम्स की सामान्य जिंदगी

एरोन जेम्स के लिए लिए पिछला एक साल बेहद अहम रहा है. अस्पताल के मुताबिक उनके लिए वे पल खास रहे हैं, जिन्हें आमतौर पर सामान्य माना जाता है, जैसे कि अजनबी अब उन्हें घूरते नहीं हैं, वह ठोस भोजन खा पा रहे हैं और यहां तक कि सुगंध का आनंद ले पा रहे हैं. उनके मुताबिक वह सबसे महत्वपूर्ण चीज कर पा रहे हैं, अपनी बेटी एली, को कॉलेज भेजना.

उन्होंने बताया, "मैं लगभग सामान्य आदमी की तरह वापस आ गया हूं, सामान्य चीजें कर रहा हूं. हालांकि, यह मेरे जीवन का सबसे बड़े बदलाव वाला साल रहा है. मुझे एक दूसरा मौका मिला है, और मैं किसी भी पल को हल्के में नहीं लेता.”

जब जेम्स को अपना ड्राइविंग लाइसेंस बदलवाने का मौका मिला तो वह भावुक हो गए थे. यहां तक कि जब उनके जले हुए चेहरे वाले पुराने लाइसेंस को नए चेहरे वाले लाइसेंस से बदला गया तो एक कर्मचारी भी भावुक हो गया.

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अध्ययन के पहले लेखक और प्लास्टिक सर्जरी विभाग में अनुसंधान निदेशक डॉ. डेनियल जे सेरादिनी ने कहा, "इस प्रक्रिया ने एरोन के जीवन को जो गुणवत्ता दी है, वह छुपी नहीं रहनी चाहिए. उन्होंने 2021 की चोट के बाद खोए कई जीवन तत्वों को फिर से प्राप्त किया है, और यही हमारा मकसद है.”