नासा का सोलर प्रोब 'पार्कर' राकेट सूर्य की ओर रवाना
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी 'नासा' ने फ्लोरिडा के केप कैनावेरल वायुसेना अड्डे से छोटी कार के आकार के अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष यान 'पार्कर सोलर प्रोब' को सूर्य की सतह का अध्ययन करने के लिए रविवार को लांच कर दिया.
मियामी: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी 'नासा' ने फ्लोरिडा के केप कैनावेरल वायुसेना अड्डे से छोटी कार के आकार के अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष यान 'पार्कर सोलर प्रोब' को सूर्य की सतह का अध्ययन करने के लिए रविवार को लांच कर दिया. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने ट्वीट किया, "3-2-1.. और हमने पार्कर लांच कर दिया. 'हैश सोलरप्रोब' 'एट यूएलए लांच' 'हैश डेल्टा हैवी रॉकेट."'
इस अंतरिक्ष यान का नाम पार्कर एक भौतिक विज्ञानी यूजीन पार्कर के नाम पर रखा गया है. यूजीन ने सबसे पहले 1958 में सूर्य से लगातार निकलने वाली आवेशित कणों और चुंबकीय क्षेत्रों की लहर सौर हवा की मौजूदगी का अनुमान लगाया था.
अमेरिका में 'जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय' की 'अप्लाइड भौतिकी प्रयोगशाला' में मिशन के परियोजना प्रबंधक एंडी ड्रीसमैन ने इससे पहले एक बयान में कहा था, "दुनिया के सबसे शक्तिशाली रॉकेटों में से एक 'युनाइटेड लांच अलाइंस डेल्टा 4 हैवी' के तृतीय चरण की सहायता से 'पार्कर सोलर प्रोब' को मंगल के लिए जरूरी ऊर्जा से 55 गुना अधिक ऊर्जा के साथ सूर्य की तरफ छोड़ा जाएगा. अपेक्षाकृत हल्के अंतरिक्ष यान का वजन मात्र 635 किलोग्राम है."
पहले इसे शनिवार को लांच किया जाना था. 'पार्कर सोलर प्रोब' अंतरिक्ष में दीर्घवृत्ताकार कक्षा से जाते हुए सात लाख किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक जाएगा, जो कि अंतरिक्ष यान के इतिहास में सर्वाधिक है.
मात्र सात साल के मिशन के दौरान 'पार्कर' सूर्य की 24 परिक्रमाएं करेगा और इस दौरान वह सूर्य की सतह से मात्र 38 लाख मील दूरी तक पहुंच जाएगा, जो कि रिकार्ड है. अंतरिक्ष यान के सूर्य से सबसे नजदीक पहुंचने की सबसे बड़ी चुनौती इसे जलने से बचाने की होगी.