27 फरवरी: अक्सर अंतरिक्ष (Space) से आने वाले उल्कापिंड (Asteroid) पृथ्वी पर गिरते रहते हैं. विशालकाय उल्कापिंड की ही वजह से ही पृथ्वी से डायनासोर का खात्मा हुआ था. कई वैज्ञानिक लगातार स्पेस में उल्कापिंड के गतिविधियों पर नजर बनाए रखते हैं. ऐसा ही एक एस्टेरॉयड पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरने वाला है. नासा (Nasa) ने इस उल्कापिंड का नाम 138971 (2001 CB21) रखा है. सबसे पहले फरवरी 2001 में वैज्ञानिकों ने देखा था. उसके बाद से इसपर नजर रखी जा रही थी. अब 4 मार्च को ये पृथ्वी के पास से गुजर जाएगा. भारत का चंद्रयान-2 नासा के मून ऑर्बिटर से टकराने से बचा
अगर यह उल्कापिंड पृथ्वी से टकरा जाए तो तबाही ला सकती है. हालांकि, इसके चान्सेस बेहद कम हैं. इस उल्कापिंड का साइज दुनिया के सबसे बड़े बिल्डिंग बुर्ज खलीफा (Asteroid bigger than Burj Khalifa) से भी काफी बड़ा है. यह 26800 मील प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है.
नासा (Nasa) के सेंटर फॉर नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज (CNEOS) के मुताबिक विशालकाय उल्कापिंड क्षुद्रग्रह से बस एक सप्ताह दूर हैं, जो पृथ्वी के करीब पहुंच जाएगा और इसे नासा द्वारा "संभावित रूप से खतरनाक" के रूप में वर्गीकृत किया गया है. इसका व्यास 3,940 फीट तक होने का अनुमान है. यह 4 मार्च, 2022 को सुबह 7:59 बजे पृथ्वी के सबसे करीब पहुंच जाएगा.
खतरनाक क्षुद्रग्रह के पृथ्वी के करीब आने की खबर किसी को भी चिंतित कर सकती है, ये देखते हुए कि इसके बड़े आकार और तेज गति के कारण यह एक भयानक विनाशकारी शक्ति है. इसके बावजूद, पृथ्वी को इससे कम खतरा है. दरअसल यह उल्कापिंड पृथ्वी से 3 मिलियन मील की दूरी से होकर गुजरेगा, जो हमारे पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से लगभग 12 गुना अधिक है तो, आपको इसके बारे में ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. फिर इसे "संभावित रूप से खतरनाक" के रूप में क्यों वर्गीकृत किया गया है?
नासा ने क्यों बताया खतरनाक