NASA And ISRO Ready To Launch NISAR: नासा-इसरो सेंथेटिक अपर्चर रडार (NISAR) कुछ परीक्षणों के बाद अगले साल की पहली तिमाही में लॉन्च किए जाने की संभावना है. 2024 की शुरुआत में लॉन्च के लिए निर्धारित 'निसार' हर 12 दिनों में पूरी पृथ्वी को मैप करने के लिए डुअल-बैंड सिंथेटिक एपर्चर रडार (एसएआर) तकनीक ले जाएगा, जिससे उच्च-रिज़ॉल्यूशन छवियों का एक विशाल डेटासेट तैयार होगा.
NISAR के प्राथमिक उद्देश्य
प्राकृतिक खतरों की निगरानी: एनआईएसएआर भूकंप, ज्वालामुखी, सुनामी और भूस्खलन जैसे प्राकृतिक खतरों पर नज़र रखने और भविष्यवाणी करने के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेगा, जिससे प्रारंभिक चेतावनी और आपदा तैयारियों को सक्षम किया जा सकेगा.
जलवायु परिवर्तन को समझना: NISAR बर्फ की चादरों, ग्लेशियरों और पर्माफ्रॉस्ट में परिवर्तन को मापेगा, जिससे वैज्ञानिकों को पृथ्वी के क्रायोस्फीयर पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी.
जल संसाधनों का मानचित्रण: एनआईएसएआर सतही जल निकायों, भूजल और मिट्टी की नमी का मानचित्रण करेगा, जिससे पानी की उपलब्धता और सूखे की निगरानी के बारे में जानकारी मिलेगी.
🚨 NASA and ISRO gearing up to launch joint mission 'NISAR' to map globe every 12 days in the early 2024. pic.twitter.com/iA5xkkD0Hi
— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) November 16, 2023
कृषि और वानिकी की निगरानी: एनआईएसएआर स्थायी कृषि और वानिकी प्रथाओं का समर्थन करते हुए भूमि उपयोग, फसल स्वास्थ्य और वन आवरण में बदलाव पर नज़र रखेगा.
पारिस्थितिकी तंत्र को समझना: निसार वनस्पति बायोमास, जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र परिवर्तनों का मानचित्रण करेगा, संरक्षण प्रयासों और पर्यावरण निगरानी में सहायता करेगा.
एनआईएसएआर मिशन पृथ्वी की गतिशील प्रक्रियाओं और पर्यावरणीय चुनौतियों का जवाब देने की हमारी क्षमता की हमारी समझ में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने और वैज्ञानिक ज्ञान को आगे बढ़ाने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की शक्ति का एक प्रमाण है.