Garbage On The Moon: इंसानों ने चांद पर छोड़ा 200 टन कचरा, कैसे होगा साफ? जानें चंद्रमा से जुड़े अनजाने तथ्‍य

इंसान चांद से वापस तो आ गए लेकिन कचरा वहीं, छोड़ आए. चांद पर मानव मल, इंसानी राख, फोटो फ्रेम, गोल्फ की गेंद समेत करीब 200 टन कचरा जमा हो चुका है.

Astronauts On Moon: चांद की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने अपना काम शुरू कर दिया है. ISRO ने लैंडर और रोवर की कुछ तस्वीरे भी शेयर की है. ये पहली बार नहीं है जब इंसानों की पहुंच चांद तक गई हो.

पिछले 63 सालों से पृथ्वी से चांद पर उपग्रह भेजे जा रहे हैं. तभी से उपग्रह की सतह पर मानव के पड़ते कदम ने कचरे का अंबार लगाना शुरू कर दिया था. अब तक 12 अंतरिक्ष यात्री और कई मिशन चांद पर भेजे जा चुके हैं. Chandrayaan-3: चांद पर ऐसे घूम रहा है हमारा प्रज्ञान रोवर, ISRO ने शेयर किया लेटेस्ट Video

इंसान चांद से वापस तो आ गए लेकिन कचरा वहीं, छोड़ आए. चांद पर मानव मल, इंसानी राख, फोटो फ्रेम, गोल्फ की गेंद समेत करीब 200 टन कचरा जमा हो चुका है. इस कबाड़ में भारी भरकम मशीनें और टेक्निकल चीजें तो हैं ही इसके अलावा भाला, बाज का पंख, चिमटे, ड्रिल, तौलिये, ब्रश और यूरिन और उल्टी के 96 पैकेट्स भी है.

  1. चांद पर रोबोटिक लैंडर और रोवर्स का मलबा भी बड़ी मात्रा में है, जो अब किसी काम के नहीं हैं. उनकी बैटरियां खत्म हो गईं हैं या फिर हार्डवेयर खराब हो गया है.
  2. 1969 में US के नील आर्मस्ट्रॉन्ग अपोलो-11 मिशन के तहत चांद पर पहुंचे थे.
  3. बज एल्ड्रिन नील आर्मस्ट्रॉन्ग के साथ चांद पर पहुंचने वाले दूसरे शख्स थे.
  4. अमेरिका ने 1969 में ही अपोलो-12 मिशन भेजा था. इसमें पेटे कॉनराड पहुंचे थे.
  5. अपोलो-12 मिशन में ही एलन बीन भी कॉनराड के साथ थे.
  6. एलन शेपर्ड 1971 में अपोलो-14 मिशन के तहत गए थे.
  7. एडगर मिशेल भी शेपर्ड के साथ गए थे.
  8. अपोलो-15 मिशन के तहत डेविड स्कॉड गए थे.
  9. जेम्स इरविन भी अपोलो-15 मिशन में गए थे.
  10. अपोलो-16 मिशन में जॉन यंग चांद पर पहुंचे थे.
  11. चार्ल्स ड्यूक भी अपोलो-16 मिशन में यंग के साथ थे.
  12. अपोलो-17 मिशन में यूजीन सेरनन पहुंचे थे.
  13. हैरिसन स्मिथ भी उनके साथ थे.

चांद पर अब तक कौन-कौन से देश पहुंचे?

चांद पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग सफल होने के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन गया है. इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन ये कारनामा कर चुके हैं.

 

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