SpaDeX Docking Postponed Again: इसरो के स्पेस डॉकिंग मिशन में देरी; सेटेलाइट सुरक्षित, तकनीकी समस्या पर काम जारी

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने पहले इन-ऑर्बिट डॉकिंग मिशन के साथ इतिहास रचने की कगार पर है.

Photo- Youtube/@isroofficial5866

SpaDeX Docking Postponed Again: इसरो के महत्वाकांक्षी स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (SpaDeX) मिशन में एक अप्रत्याशित तकनीकी समस्या के चलते डॉकिंग प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है. यह प्रक्रिया 9 जनवरी 2025 को होनी थी, लेकिन सेटेलाइट्स SDX01 (चेज़र) और SDX02 (टारगेट) के बीच अपेक्षा से अधिक दूरी बढ़ने के कारण इसे टाल दिया गया. इसरो ने बताया कि यह समस्या तब सामने आई जब सेटेलाइट्स को 225 मीटर की दूरी पर लाने के लिए एक खास मोड़ (मेनुवर) किया जा रहा था.

इस दौरान सेटेलाइट्स के साथ संपर्क नहीं था और संपर्क बहाल होने के बाद दूरी में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई. फिलहाल दोनों सेटेलाइट पूरी तरह सुरक्षित हैं.

ये भी पढें: ISRO New Chief V. Narayanan: वी. नारायणन बनें ISRO के नए चीफ, 14 जनवरी से संभालेंगे कार्यभार

इसरो के स्पेस डॉकिंग मिशन में देरी

मिशन का उद्देश्य और महत्व

SpaDeX मिशन इसरो के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, जो अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक को परखने के लिए तैयार किया गया है. इस मिशन में दो छोटे सेटेलाइट्स (प्रत्येक का वजन 220 किलोग्राम) शामिल हैं. यह तकनीक भविष्य में सेटेलाइट की मरम्मत, स्पेस स्टेशन निर्माण और डीप स्पेस मिशन जैसे बड़े अभियानों में बेहद काम आएगी.

डॉकिंग प्रक्रिया में एक सेटेलाइट को दूसरे से जोड़ने के लिए सटीक दिशा-निर्देश और दूरी प्रबंधन की आवश्यकता होती है. सफल डॉकिंग के बाद दोनों सेटेलाइट्स ऊर्जा साझा करेंगे और फिर अलग होकर अपने-अपने मिशन पर कार्य करेंगे.

ये भी पढें: ISRO ने रचा इतिहास, Spadex लॉन्च करने वाला चौथा देश बना भारत, जानें चंद्रयान 4 के लिए है क्यों है जरूरी

तकनीकी समस्या पर फोकस

इसरो ने कहा है कि समस्या को हल करने के लिए अतिरिक्त ग्राउंड टेस्ट किए जाएंगे. मिशन को सफल बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. यह तकनीक विकसित करने के बाद भारत चौथा ऐसा देश बन जाएगा, जो इस उन्नत तकनीक को पूरी तरह से समझता और लागू कर सकता है.

अगली तारीख का इंतजार

डॉकिंग प्रक्रिया कब दोबारा शुरू होगी, इसका फैसला तकनीकी सुधार के बाद लिया जाएगा. इसरो ने सभी से अपडेट के लिए जुड़े रहने की अपील की है. भारत के इसरो की यह कोशिश अंतरिक्ष विज्ञान में देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रमाण है.

Share Now

\