सर्च इंजन गूगल ने महान जर्मन रसायन वैज्ञानिक फ्रेडलिब फर्डिनेंड रुंज (Friedlieb Ferdinand Runge) को उनकी 225 वीं जयंती पर डूडल बनाकर याद किया है. फर्डिनेंड रुंज का एनालिटिकल केमिस्ट के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान रहा है. उनका जन्म 8 फरवरी, 1794 को हैम्बर्ग के समीप हुआ था. फ्रीडलिब को अपने टीनेज दौर से ही रसायन विज्ञान में खासी रूचि थी. इसके लिए वो निरंतर कई तरह के प्रयोग करते रहते थे. उन्होंने बचपन से ही काफी सारे वैज्ञानिक प्रयोग करने शुरू कर दिए थे इस दौरान उन्होंने एक बार बेल्डोना पौधे के रस से कोई प्रयोग करना शुरू किया लेकिन इस रस की कुछ बूंदें उनकी आंखों में चली गई जिसका उनपर काफी घातक असर हुआ.
फ्रेडलिब वो महान वैज्ञानिक हैं जिन्होंने कैफीन (Caffeine) की खोज की थी. उन्हें माइड्रिएटिक इफेक्ट (प्यूपिल डायलेटिंग) के लिए भी जाना जाता है. इससे आंखों की पुतलियां प्रभावित होती हैं. इसके साथ ही फ्रेडलिब ने कोलतार डाई की भी खोज की थी. फर्डिनेंड ने वर्ष 1819 में माइड्रिएटिक इफेक्ट (बेलाडोना) पर शोध का प्रदर्शन किया था. इस समय वे जेना यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे, यहां उनके प्रोफेसर ने उन्हें ये प्रयोग करने के लिए कहा था. जब वह प्रयोग कर रहे थे उसी बीच उन्होंने कैफीन की पहचान कर ली थी. बता दें कि कैफीन वही पदार्थ है जो कॉफी में पाया जाता है. कॉफी पर शोध के लिए प्रोत्साहित किया गया था.
कैफीन के अलावा फ्रेडलिब ने कोलतार डाई की भी खोज की थी इसका प्रयोग कपड़ों में रंगाई के लिए किया जाता है. फ्रेडलिब कुनैन के आविष्कारक भी कहे जाते हैं. कुनैन वह पदार्थ है जिसकी मदद से मलेरिया के इलाज की दवाईयां बनाई जाती है. इन सबके अलावा उन्होंने चुकंदर के रस से चीनी निकालने की प्रक्रिया को भी खोजा था. 25 मार्च, 1867 में 73 वर्ष की उम्र में ऑरेनबर्ग में फ्रेडलिब निधन हो गया था.