Chandrayaan 4: चंद्रयान 4 मिशन में हम चंद्रमा पर जाएंगे और वापस लौटेंगे बोले ISRO चीफ एस सोमनाथ
चंद्रयान-4 को सोमनाथ ने विशेष परियोजना बताते हुए कहा, "इस बार, हम चंद्रमा पर जाएंगे और वापस लौटेंगे. यह एक अतिरिक्त चुनौती है. चंद्रयान-3 में हमने चंद्रमा पर लैंडिंग की और प्रयोग किए, यही अंतर है. चंद्रमा पर उतरना और वापस आना इस परियोजना की चुनौती है."
नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा भविष्य में किए जाने वाले चार महत्वपूर्ण अंतरिक्ष अभियानों को हरी झंडी दे दी है. चार नए प्रोजेक्ट को लेकर सरकार की ओर से स्वीकृति मिलने के बाद इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने आईएएनएस से के साथ खास बातचीत की. इसरो के चेयरमैन ने इस दौरान चारों नए अंतरिक्ष परियोजनाओं के बारे में अपनी तैयारियों और चुनौतियों के बारे में जानकारी दी. सरकार की ओर से चार नए प्रोजेक्ट की स्वीकृति मिलने को लेकर सोमनाथ ने कहा कि सरकार ने चार परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है और इसरो पूरी तरह तैयार है.
चंद्रयान-4 को सोमनाथ ने विशेष परियोजना बताते हुए कहा, "इस बार, हम चंद्रमा पर जाएंगे और वापस लौटेंगे. यह एक अतिरिक्त चुनौती है. चंद्रयान-3 में हमने चंद्रमा पर लैंडिंग की और प्रयोग किए, यही अंतर है. चंद्रमा पर उतरना और वापस आना इस परियोजना की चुनौती है."
गगनयान की वर्तमान स्थिति के बारे में सोमनाथ ने कहा कि इसरो पहले मानव रहित मिशन की तैयारी कर रहा है. पहला मानव रहित मिशन सीआरएम के द्वारा होगा, इसके बाद दो और मानव रहित मिशन होंगे, जो मानव मिशन की ओर बढ़ेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि रॉकेट तैयार है और क्रू मॉड्यूल का एकीकरण चल रहा है.
सोमनाथ ने शुक्र ग्रह पर मिशन के बारे में कहा कि भारत में वैज्ञानिकों के बीच इस मिशन में रुचि है. देश में प्रयोगशालाओं और अन्य क्षेत्रों के लिए पर्याप्त संख्या में ऐसे लोग हैं, जो इसमें रुचि रखते हैं. इसलिए हमने कार्यशालाएं आयोजित की, ताकि यह देखा जा सके कि देश में किस प्रकार की वैज्ञानिक रुचि है. उसके आधार पर हमने अपने लक्ष्यों की पहचान की है और इसके अनुसार उपकरणों को तैयार किया है.