धरती पर आने वाले हैं एलियंस? रहस्यमयी स्पेसक्राफ्ट ने वैज्ञानिकों को चौंकाया, आखिर क्या है 3I/ATLAS
3I/ATLAS Interstellar Comet | Photo: NASA

ब्रह्मांड कितना विशाल और रहस्यमयी है, इसकी कोई सीमा नहीं है. हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक रहस्यमयी स्पेस ऑब्जेक्ट की खोज की है, जो तेजी से पृथ्वी की दिशा में बढ़ रहा है कि इससे लेकर वैज्ञानिकों में हलचल मच गई है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रसिद्ध एस्ट्रोफिजिसिस्ट एवी लोएब (Harvard Astrophysicist Avi Loeb) और उनकी टीम ने एक ऐसी वस्तु को ट्रैक किया है, जिसे उन्होंने 31/ATLAS नाम दिया है. उनका दावा है कि यह किसी दूसरी दुनिया का इंटरस्टेलर स्पेसक्राफ्ट (Alien Spacecraft) भी हो सकता है.

यह ऑब्जेक्ट इस नवंबर के अंत तक सूरज के बेहद करीब पहुंचने वाला है. वैज्ञानिकों के अनुसार, यह इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा है कि इसे अभी तक पूरी तरह से अध्ययन करना मुश्किल साबित हो रहा है.

मैनहैटन द्वीप जितना बड़ा है 3I/ATLAS

3I/ATLAS इतना बड़ा है जितना मैनहैटन द्वीप. इसकी रफ्तार अचानक गुरुत्वाकर्षण के नियमों से परे बढ़ने लगी. NASA के डेटा के मुताबिक इसमें Non-Gravitational Acceleration देखा गया. इसे सबसे पहले चिली में ATLAS टेलीस्कोप ने खोजा था. इस इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट की चौड़ाई करीब 10-20 किलोमीटर बताई जा रही है. इसकी गति लगभग 60 किमी प्रति सेकंड है, जो सामान्य धूमकेतुओं से ज्यादा है.

वैज्ञानिकों के अनुसार, यह इस नवंबर के अंत तक सूरज के बेहद करीब पहुंचकर अपनी असली प्रकृति का खुलासा कर सकता है.

क्या यह वाकई एलियन स्पेसक्राफ्ट हो सकता है?

एवी लोएब का कहना है कि 31/ATLAS में कुछ बातें सामान्य धूमकेतुओं से बिल्कुल अलग दिखती हैं. इसकी गति गुरुत्वाकर्षण नियमों के अनुसार नहीं बदल रही. अचानक इसका रंग बहुत ज्यादा सफेद या नीला हो गया है. ऐसा लग रहा है मानो इसमें अंदर से ऊर्जा निकल रही हो. लोएब के अनुसार, यह कहना कि यह किसी एलियन मिशन का हिस्सा है इस संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. लोएब का कहना है कि “हो सकता है यह किसी बाहरी सभ्यता की बनाई हुई मशीन हो, जो सूर्य की ऊर्जा का उपयोग कर रही हो.”

उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय से आग्रह किया है कि इस संभावना को नजरअंदाज न किया जाए. इसे एक संभावित एलियन प्रॉब की तरह भी देखा जाए.

क्या धरती पर इसका असर होगा?

फिलहाल, वैज्ञानिकों ने यह साफ किया है कि इसके पृथ्वी से टकराने की कोई आशंका नहीं है. अभी तक यह केवल एक सैद्धांतिक अध्ययन है. इसे निश्चित रूप से धूमकेतु या स्पेसक्राफ्ट कहना जल्दबाजी होगी

आखिर सच कब पता चलेगा?

यह ऑब्जेक्ट 19 दिसंबर के आसपास पृथ्वी के काफी नजदीक से गुजरेगा. NASA और यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) इसे ट्रैक कर रही हैं. विशेष टेलीस्कोप और स्पेस उपकरणों से इसकी तस्वीरें और डेटा इकट्ठा किया जाएगा.