Lyfas Mobile App: भारत में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus Outbreak In India) के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी का सिलसिला जारी है. हालांकि इस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहा है. इस बीच बैंगलुरु (Bengaluru) स्थित एक स्टार्टअप ने ऐसा मोबाइल ऐप (Mobile App) तैयार किया है, जिससे कोविड-19 (COVID-19) से संक्रमितों का आसानी से पता लगाने में मदद मिलेगी. कोविड-19 संक्रमित लोगों का पता लगाने और जोखिम का आंकलन करने के लिए इस मोबाइल एप्लिकेशन को तैयार किया है. मोबाइल ऐप स्मार्टफोन प्रोसेसर और स्मार्टफोन सेंसर की शक्ति का उपयोग बॉडी सिग्नल को कैप्चर करने के लिए करता है. विज्ञान और प्राद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology (DST) ने CAWACH के साथ मिलकर कोविड-19 जोखिम का मूल्यांकन करने के लिए Lyfas COVID score को बनाने के लिए बेंगलुरु के Acculi Labs को चुना.
Acculi Labs द्वारा विकसित Lyfas एक क्लीनिकल ग्रेड, नॉन-इनवेसिव, डिजिटल फंक्शनल बायोमार्कर स्मार्टफोन टूल है. जो स्क्रीनिंग, प्रारंभिक पहचान, मूल कारण विश्लेषण, तीव्र घटना जोखिम मूल्यांकन, रोग का निदान और घर बैठे पुरानी बीमारियों की निगरानी करने में मदद करेगा. क्लीनिकल ट्रायल और रेग्युलेटरी कार्यवाही सितंबर के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है, जिसके बाद परीक्षण की सुविधा आम जनता के लिए मुहैया कराई जाएगी.
Lyfas' App ऐसे करता है काम
- Lyfas एक एंड्रॉइड एप्लिकेशन है, जिसमें करीब 5 मिनट तक मोबाइल फोन के रियर फोन कैमरा पर तर्जनी उंगली रखने की आवश्कता होती है.
- यह ऐप केशिका नाड़ी और रक्त की मात्रा में परिवर्तन को कैप्चर करता है, फिर 95 बायोमार्करों को मालिकाना एल्गोरिदम और सिग्नल प्रोसेसिंग तकनीकों के साथ प्राप्त करता है.
- यह ऐप शरीर के संकेतों के एक समूह को कैप्चर करने के लिए स्मार्टफोन प्रोसेसर और स्मार्टफोन सेंसर की शक्ति का उपयोग करता है.
- बाद में संकेतों को फोटोप्लेथ्समोग्राफी (Photoplethysmography (PPG), फोटो क्रोमैटोग्राफी (Photo Chromatography (PCG), धमनी (Photoplethysmography (APPG), मोबाइल स्पिरोमेट्री (mobile spirometry) और पल्स वेरिएबिलिटी (Pulse Rate Variability (PRV) के सिद्धांत पर संशोधित किया जाता है.
- Lyfas तब कार्डियो-रेस्पिरेटरी, कार्डियो-वैस्कुलर, हेमटोलॉजी, हेमोरोलॉजी, न्यूरोलॉजी आधारित पैरामीटर प्रदान करता है, जो शरीर में मिनट पैथोफिजियोलॉजिकल परिवर्तनों को ट्रैक करने में सक्षम हैं. इन परिवर्तनों से अंग प्रणाली-व्यापक प्रतिक्रिया के बारे में पता लगाया जा सकता है. यह भी पढ़ें: Vertical COVID-19 Transmission: देश में मां से शिशु में वर्टिकल कोविड-19 संचरण का पहला मामला आया सामने, इलाज के बाद बच्ची को मिली पुणे के अस्पताल से छुट्टी
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, नई तकनीक जिसे डीएसटी के समर्थन से विकसित किया गया है. वह एक विषम व्यक्ति संभावित संक्रमण का पता लगाएगा. यह पारंपरिक परीक्षण कतार को प्राथमिकता देने में मदद करेगा और रिस्क असेस्मेंट का मूल्यांकन करने में मदद करेगा.
यह तकनीक जनसंख्या स्क्रीनिंग, क्वारेंटाइन में रहने वाले व्यक्तियों की निगरानी और सामुदायिक प्रसार चरण में निगरानी पर केंद्रित है. मेदांता मेडिसिटी अस्पताल के साथ किए गए एक अध्ययन में 92 फीसदी की सटीकता, 90 फीसदी की विशिष्टता और 92 फीसदी की संवेदनशीलकता के साथ Lyfas Mobile App को कोविड-19 रोगियों का पता लगाने में कारगर माना गया है.