गूगल का टूटॉक को लेकर बड़ा फैसला, सुरक्षा कारणों के चलते प्लेस्टोर से हटाया

विश्व के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल ने अपनी जानी-मानी मैसेजिंग ऐप टूटॉक को एक बार फिर प्लेस्टोर से हटा दिया है. यह दावा किया जा रहा था कि इसका इस्तेमाल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सरकार द्वारा व्यापक निगरानी के लिए किया जा रहा है. ऐप को इससे पहले दिसंबर में एप्पल के ऐप स्टोर और गूगल के प्ले स्टोर से हटाया गया था.

गूगल ऑफिस (Photo Credit- IANS)

सैन फ्रांसिस्को. विश्व के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल ने अपनी जानी-मानी मैसेजिंग ऐप टूटॉक को एक बार फिर प्लेस्टोर से हटा दिया है. यह दावा किया जा रहा था कि इसका इस्तेमाल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सरकार द्वारा व्यापक निगरानी के लिए किया जा रहा है. ऐप को इससे पहले दिसंबर में एप्पल के ऐप स्टोर और गूगल के प्ले स्टोर से हटाया गया था.

9टू5 गूगल रिपोर्ट में शुक्रवार को बताया गया कि जिन लोगों ने यह ऐप इंस्टॉल कर रखी है, उनका डाटा सुरक्षित नहीं हैं, क्योंकि यूएई द्वारा कथित तौर पर टूटॉक का इस्तेमाल हर प्रकार की गतिविधि पर नजर रखने के लिए किया जा रहा है. इसमें लोगों की आपसी बातचीत से लेकर उनकी हर गतिविधि जैसे आपसी रिश्ते, लोग कहां जा रहे हैं और क्या कर रहे हैं, जैसी व्यक्तिगत चीजों पर निगरानी रखी जा रही है. इसके अलावा लोगों द्वारा भेजी जाने वाली फोटो व अन्य सामग्री पर भी नजर रखी जा रही है.खुफिया एजेंसियों से परिचित अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, यह ऐप जो कि टेलीग्राम और सिग्नल (ऐप) की तरह काम करता है, इसे मिडिल ईस्ट, यूरोप, एशिया, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका में एंड्रॉएड और आईओएस डिवाइस पर लाखों बार डाउनलोड किया गया है. यह भी पढ़े-गूगल ने भारत में समाचार साक्षरता के लिए 10 लाख डॉलर के अनुदान की घोषणा

ऐप रैंकिंग और रिसर्च फर्म ऐप एनी के अनुसार, टूटॉक पिछले हफ्ते अमेरिका में सबसे ज्यादा डाउनलोड किए जाने वाले सोशल ऐप में से थी. न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा की गई एक जांच में पाया गया है कि टूटॉक नामक ऐप को ब्रीज होल्डिंग नाम की एक कंपनी ने बनाया है, जो अबू धाबी स्थित साइबर इंटेलिजेंस और हैकिंग कंपनी डार्क मैटर के साथ जुड़ी हुई है। डार्क मैटर पहले से ही संभावित साइबर क्राइम के चलते एफबीआई की जांच के घेरे में है.

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