Facebook, Google, Apple, Hiring In India Dropped: दिग्गज टेक कंपनियों ने भारतीयों को दिया झटका, जॉब वैकेंसी में 90 परसेंट की भारी गिरावट
फेसबुक, अमेज़ॅन, एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, नेटफ्लिक्स और गूगल - की जॉब वैकेंसी में इस साल भारी गिरावट आई है. आर्थिक सुस्ती और वैश्विक स्तर पर हो रही छंटनी की वजह से ये दिग्गज टेक कंपनियां भारत में लगभग भर्ती रोकने की स्थिति में आ गई हैं.
Tech Companies Dropped Hiring in India: भारत में 'FAAMNG' कंपनियों - फेसबुक (मेटा प्लेटफॉर्म्स), अमेज़ॅन, एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, नेटफ्लिक्स और गूगल - की जॉब वैकेंसी में इस साल भारी गिरावट आई है. आर्थिक सुस्ती और वैश्विक स्तर पर हो रही छंटनी की वजह से ये दिग्गज टेक कंपनियां भारत में लगभग भर्ती रोकने की स्थिति में आ गई हैं.
इकोनॉमिक टाइम्स की एक विशेष रिपोर्ट के अनुसार, इन कंपनियों ने 2023 में भारत में सक्रिय जॉब पोस्टिंग में पिछले साल की तुलना में 90% की गिरावट दर्ज की है. इसका मतलब है कि 2022 में जहां ये कंपनियां हजारों जॉब पोस्टिंग करती थीं, वहीं 2023 में यह संख्या काफी कम हो गई है.
आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल दिसंबर तक भी, बड़े तकनीकी समूह की सक्रिय मांग जुलाई 2022 की तुलना में पहले ही 78% कम हो गई है, जो समूह के लिए लगभग 18 महीने के निचले स्तर को दर्शाता है. वैश्विक स्तर पर, माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़ॅन और गूगल सहित बड़ी टेक कंपनियों ने सैकड़ों हजारों नौकरियों में कटौती की है.
बिग टेक कंपनियां - फेसबुक, अमेज़ॅन, ऐप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, नेटफ्लिक्स और गूगल - वर्तमान में भारत में अपने मुख्य परिचालन और कैप्टिव में 150,000 से थोड़ा कम लोगों को रोजगार देती हैं.
वैश्विक स्तर पर छंटनी: कंपनियां दुनिया भर में हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं. भारत भी इससे अछूता नहीं है. इन कंपनियों ने भारत में भी अपने कुछ कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है, जिससे भर्ती पर और रोक लगी है.
भारतीय टेक जगत पर क्या असर होगा?
कंपनियों की भर्ती में गिरावट का भारतीय टेक जगत पर भी सीधा असर पड़ेगा. इससे ना सिर्फ हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर कम होंगे, बल्कि देश के टेक स्टार्टअप्स पर भी असर पड़ेगा. ये बड़ी कंपनियां कई स्टार्टअप्स में फंडिंग करती हैं और उनके साथ मिलकर काम करती हैं. भर्ती में कमी से स्टार्टअप्स को फंडिंग मिलने में भी दिक्कत हो सकती है.
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति अस्थायी है और आर्थिक सुधार के साथ ही टेक कंपनियां फिर से भर्ती शुरू कर सकती हैं. लेकिन तब तक भारतीय टेक जगत को आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा.