क्रिकेट जगत के सबसे महान कप्तानों में से एक सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष के पद से बहुत जल्द हटाये जा सकते है उनके पद से हटाये जाने के खबरों के बहुत सारी अफवाहें सामने आ रही हैं, कुछ रिपोर्टों से यह भी पता चला था कि दादा दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख बने रहना चाहते थे. लेकिन अब खबर यह है कि रोजर बिन्नी उनकी जगह लेने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. यह भी पढ़ें: डेवोन कॉन्वे और ग्लेन फिलिप्स के शानदार अर्धशतक के बदौलत न्यूजीलैंड ने बांग्लादेश को 48 रन से हराया
कुछ ऐसे लोग भी हैं जो महसूस करते हैं कि गांगुली ने बीसीसीआई के अध्यक्ष के रूप में अपनी क्षमता के अनुसार नहीं किया, लेकिन 2019 में उन्होंने बोर्ड के प्रमुख के रूप में पद संभालने के बाद कुछ बड़े फैसले भी लिए हैं.
भारत में डे/नाइट टेस्ट का की शुरुआत: दुनिया भर के क्रिकेट खेलने वाले देशों ने लंबे समय से टेस्ट में गुलाबी गेंद वाले क्रिकेट को अपनाया था लेकिन भारत ने अभी तक अपनी मंजूरी नहीं दे रहा था. गांगुली ही थे जो भारत में डे/नाइट टेस्ट लाए जिसमें पहली बार विराट कोहली की भारतीय टीम इंडिया और बांग्लादेश के बीच कोलकाता में हुआ था.
कोविड -19 के दौरान आईपीएल अराजकता: कोविड -19 ने दुनिया भर में तबाही मचा दी थी जिसके वजह से इंडियन प्रीमियर लीग का लगातार दो सीज़न के लिए अनिश्चितताओं में उलझा हुआ था. बीसीसीआई ने 2020 (पूरी तरह से) यूएई में कराया और 2021 (आंशिक रूप से) सीज़न आयोजित किए, जबकि 2022 सीज़न को भारत में चुनिंदा स्थानों पर हीआयोजित किया गया. हालांकि 2021 और 2022 के संस्करणों के दौरान कुछ हलचल मची थी, लेकिन कठिन परिस्थिति में भी लीग दोनों सीजन में बड़ी सफलता प्राप्त की थी.
घरेलू खिलाड़ियों के वेतन में वृद्धि: भारतीय क्रिकेट में निस्संदेह सबसे बड़ा टैलेंट पूल है भारत की वरिष्ठ राष्ट्रीय टीम आज जिस ऊंचाई पर पहुची है, वह मजबूत घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिताओ के कारण घरेलू खिलाड़ियों को उनकी कड़ी मेहनत के लिए पुरस्कृत करते हुए. उन्हें अपनी सीमा को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए, गांगुली के नेतृत्व में बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के लिए वेतन वृद्धि की थी.