मुंबई, 12 नवंबर : भारत के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगर ने कहा है कि करिश्माई बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव भारतीय टी20 क्रिकेट में क्रांति ला सकते हैं और भारत को भविष्य की टीम बनाने के लिए उनके जैसे अधिक प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की तलाश करनी होगी. क्रिकेट कमेंटेटर और आईपीएल फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के मुख्य कोच ने कहा कि आस्ट्रेलिया में चल रहे टी20 विश्व कप में इंग्लैंड की सफलता, वर्तमान में टीम के पास आलराउंडर होने के कारण उनके लाइन-अप के लिए सही था.
इंग्लैंड सेमीफाइनल में भारत को 10 विकेट से हराने के बाद एमसीजी में टी20 विश्व कप फाइनल में पाकिस्तान से भिड़ेगा, जिसमें कप्तान जोस बटलर के नाबाद 80 और एलेक्स हेल्स ने नाबाद 86 रनों की पारी में भारत की गेंदबाजी की धज्जियां उड़ा दी थी.बांगर ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, "सूर्यकुमार यादव ऐसे खिलाड़ी हैं जो भारतीय टी20 क्रिकेट में क्रांति लाएंगे. आपको इंग्लैंड की टीम की तरह उनके जैसे और भी अच्छे खिलाड़ी तलाशने होंगे." 32 वर्षीय सूर्यकुमार ने मेगा टूर्नामेंट में छह मैचों में 189.68 के स्ट्राइक रेट से 239 रन बनाए. पूर्व कोच ने महसूस किया कि सूर्यकुमार के चारों ओर शॉट खेलने की क्षमता अधिक क्रिकेटरों को प्रेरित करेगी. यह भी पढ़ें : Pak vs Eng, ICC T20 World Cup 2022 Final Preview: टी20 विश्व कप के फ़ाइनल में पाकिस्तान और इंग्लैंड के भिड़त कल, मुकाबले से पहले जानें क्या कहते है रिकार्ड्स, देखें संभावित प्लेइंग XI
उन्होंने कहा, "खिलाड़ी जो अपने शॉट्स के साथ विकेट के दोनों किनारों को लक्षित कर सकते हैं, स्विच हिट खेल सकते हैं, रिवर्स स्वीप कर सकते हैं और मुझे लगता है कि ऐसे खिलाड़ियों को अधिक प्रोत्साहन मिलेगा. उनके पास जितने विकल्प हैं, वह सभी प्रकार के शॉट खेलते हैं. वह एक प्रेरणा हैं और आगे आपको ऐसे और भी खिलाड़ी देखने को मिलेंगे, जो इस तरह से खेलते हैं." 50 वर्षीय पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि सूर्यकुमार एक 'आलराउंड बल्लेबाज' हैं और उन्होंने विदेशी परिस्थितियों में दबाव में प्रदर्शन करने के लिए उनकी प्रशंसा की. उन्होंने कहा, "वह पूरी तरह से हरफनमौला बल्लेबाज बन गए हैं. एक समय था, जब सूर्यकुमार यादव फाइन लेग पर सिर्फ शॉट खेलने के लिए जाने जाते थे. अब उनकी रेंज बढ़ गई है, उनका कद बढ़ गया है." उन्होंने आगे कहा, "खास बात यह है कि दबाव की स्थिति में, चाहे वह आस्ट्रेलियाई हो या इंग्लैंड की परिस्थितियां, जिन्हें बल्लेबाजी के लिए सबसे कठिन माना जाता है, वह वहां भी अपना प्रभाव छोड़ने में कामयाब रहे हैं."