भारतीय पैरा-तीरंदाज शीतल देवी भारत में एक जाना-माना नाम हैं और दुनिया भर में अपने आप में एक मशहूर हस्ती हैं. इसके अलावा वह तीरंदाजी में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी बन गई है. उन्होंने राकेश कुमार के साथ मिलकर 2024 पेरिस पैरालिंपिक में मिश्रित टीम कंपाउंड तीरंदाजी प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता, अर्जुन पुरस्कार विजेता शीतल देवी फोकोमेलिया नामक एक दुर्लभ चिकित्सा स्थिति के कारण बिना हाथों के पैदा हुई थीं. वास्तव में वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने वाली ऊपरी अंगों के बिना पहली और एकमात्र महिला पैरा-तीरंदाज भी हैं। 17 वर्षीय शीतल ने कई लोगों को कठिन कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने सपनों का पीछा करने के लिए प्रेरित किया है. यह भी पढें: Paris Paralympic 2024: 1972 से 2024 तक, पैरालंपिक खेलों में कुछ ऐसा रहा भारत का प्रदर्शन
इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें देखा जा सकता है की एक छोटी लड़की बिना हाथ और पैर के तीर चलाती हुई दिखाई दे रही है. तीरंदाज ओडिशा के बलांगीर जिले की पायल नाग हैं. रिपोर्टों के अनुसार, बचपन में बिजली का झटका लगने से वह अपने अंग खो बैठी थीं.
पायल नाग शीतल देवी के कोच से बिना हाथ-पैर के ले रही हैं ट्रेनिंग
Inspired by the incredible Sheetal Devi, this 13-year-old girl with no arms or legs is breaking barriers and chasing her dreams in archery. 🏹#Archery pic.twitter.com/GkFFvMJYyj
— World Archery (@worldarchery) September 8, 2024
रिपोर्टों के अनुसार, बताया जा रहा की बचपन में बिजली का झटका लगने से लड़की अपने अंग खो बैठी थीं. हालांकि पिछले साल मई में उनकी खोज की गई और उन्हें जम्मू-कश्मीर के कटरा स्थित श्री माता वैष्णो देवी तीरंदाजी अकादमी में लाया गया, जहां वह शीतल के कोच कुलदीप वेदवान के अधीन प्रशिक्षण ले रही हैं.